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पहले मार्कशीट में लिखा 31 सितम्बर को पैदा हुई वो, अब पीछे हट रहा RBSE

शिक्षा बोर्ड का नियम है कि परीक्षा के दो वर्ष तक ही किसी भी प्रकार के संशोधन किया जा सकता है।

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wrong marksheet issue bu RBSE

wrong marksheet issue bu RBSE

सुरेश लालवानी/अजमेर।

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की दसवीं परीक्षा में गलत जन्मतिथि दर्ज करने का खामियाजा एक छात्रा को भुगतना पड़ रहा है। जयपुर निवासी छात्रा अंकिता जैन ने स्कूल सहित दसवीं परीक्षा के आवेदन में भी भूलवश अपनी जन्मतिथि 31 अक्टूबर 1995 की जगह 31 सितम्बर 1995 दर्ज कर दी। जबकि कैलेंडर में 31 सितम्बर तिथि ही नहीं है।

कुछ वर्ष बाद नौकरी के आवेदन सहित अन्य औपचारिकताओं के दौरान इस गलती का पता चलते ही उसने स्कूल स्तर सहित आठवीं बोर्ड के दस्तावेजों में भी जन्मतिथि में संशोधन करा दिया। लेकिन प्रामाणिक जन्मतिथि के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जानी वाली दसवीं की अंकतालिका और प्रमाण-पत्र में संशोधन करने से शिक्षा बोर्ड ने इन्कार कर दिया है।

शिक्षा बोर्ड ने मामला अवधि पार होने का हवाला देते हुए जन्मतिथि में संशोधन करने से मना कर दिया है। शिक्षा बोर्ड का नियम है कि परीक्षा के दो वर्ष तक ही किसी भी प्रकार के संशोधन किया जा सकता है।

दसवीं की अंकतालिका व प्रमाण-पत्र में संशोधन नहीं होने की वजह से अंकिता के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा अथवा अन्य दस्तावेजों में 31 सितम्बर जन्मतिथि की वजह से वह अपात्र हो सकती है। छात्रा के परिजन शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों से भी मिल कर समस्या बता चुके है लेकिन फिलहाल समस्या जस की तस है।

कारनामा बोर्ड का, भुगते स्टूडेंट्स
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अपने कारनामों से कई बार स्टूडेंट्स के लिए मुसीबतें खड़ी कर चुका है। बोर्ड में कम्प्यूटर डाटा फीड करने वाले ऑपरेटर ठेके के कर्मचारी हैं। हर महीने लाखों की पगार उठाने वाले बोर्ड अधिकारी और स्टाफ स्टूडेंट्स के डाटा की सही जांच नहीं करते है।

इसके चलते स्टूडेंट्स को परेशानियां होती हैं। जन्मतिथि में गड़बडिय़ां, नाम, पिता-माता के नाम के स्पेलिंग में त्रुटियां, अंक कम मुद्रित करने जैसी ढेरों गलतियां हर साल होती हैं। ऑनलाइन कम्प्यूटरीकृत फार्म भरवाने के बावजूद बोर्ड की गलतियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं।