
reet exam compulsory for private schools jobs
सुरेश लालवानी/अजमेर।
प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में अध्यापक बनने की दौड़ में पिछडऩे के बावजूद अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों के लिए निजी विद्यालयों में नौकरी के अवसर बरकरार रहेंगे। निजी विद्यालयों में अध्यापकों की भर्ती के लिए रीट उत्तीर्ण करने के नियम लागू किए गए हैं। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की ओर से रीट का आयोजन 11 फरवरी-2018 को किया जाना है। रीट के माध्यम से प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में 35 हजार अध्यापकों की भर्ती होगी। यह अलग बात है कि इस परीक्षा में प्रदेश के लगभग 10 लाख अभ्यर्थी अपनी किस्मत आजमाएंगे।
50 हजार निजी विद्यालय
प्रदेश में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबंद्धता प्राप्त लगभग 50 हजार निजी विद्यालय संचालित हैं। सरकारी विद्यालयों की तुलना में अधिक साधन संपन्न इन विद्यालयों में पढऩे वाले विद्यार्थियों की संख्या भी काफी अधिक है। अब तक इन विद्यालयों में अध्यापकों की भर्ती के लिए कोई खास नियम -कायदे तय नहीं थे।
लेकिन अब केन्द्र सरकार ने निजी विद्यालयों में भी नियुक्ति के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा की योग्यता हासिल करने की अनिवार्यता लागू कर दी है। इसकी बदौलत अब प्रदेश में आरटेट और रीट उत्तीर्ण करने वाले लाखों अभ्यर्थियों के लिए प्रदेश के हजारों निजी विद्यालयों में नौकरी के दरवाजे खुल गए हैं।
कट ऑफ माक्र्स की नहीं बाध्यता
दरअसल सरकारी विद्यालयों में अध्यापक बनने के लिए कट ऑफ माक्र्स काफी महत्वूपर्ण हैं। इसमें पिछडऩे की वजह से परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बावजूद लाखों अभ्यर्थी नौकरी से वंचित हो जाते हैं। निजी विद्यालयों में कट ऑफ माक्र्स की कोई बाध्यता नहीं है। इन विद्यालयों में अन्य शैक्षणिक योग्यता के अलावा अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने का प्रमाण-पत्र ही काफी है।
निजी विद्यालयों में अध्यापक बनने के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। रीट उत्तीर्ण करने वाले लाखों अभ्यर्थियो को नौकरी के अनेक विकल्प मिलेगे। राज्य सरकार भी 35 हजार तृतीय श्रेणी अध्यापकों की भर्ती करेगी।
-वासुदेव देवनानी, शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्य मंत्री
Published on:
04 Nov 2017 08:51 am
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