22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Retro pic: ये है अजमेर का क्लॉक टावर, बिग बेन जैसा लुक

सही मायनों ने अंग्रेजों ने ही 18 वीं शताब्दी से अजमेर में आधुनिक विकास की शुरुआत की थी। इनमें से क्लॉक टावर भी शामिल है।

less than 1 minute read
Google source verification
clock tower ajmer

clock tower ajmer

रक्तिम तिवारी/अजमेर. अजमेर चौहान काल से भारत का प्रमुख शहर रहा है। ब्रिटिशकाल में तो अंग्रेजों को इस शहर से खासा लगाव था। यहां की सर्दी, गर्मी और बरसात का मौसम अंग्रेजों को बहुत पसंद आता था। सही मायनों ने अंग्रेजों ने ही 18 वीं शताब्दी से अजमेर में आधुनिक विकास की शुरुआत की थी। इनमें से क्लॉक टावर भी शामिल है।

लंदन की बिग बेन की तरह अजमेर में साल 1887 में स्टेशन रोड-मदार गेट पर विक्टोरिया जुबली टावर बनाया गया। यह तत्कालीन ब्रिटिश महारानी विक्टोरिया के शासन का सिल्वर जुबली वर्ष था। इसीलिए इसी विक्टोरिया जुबली या क्लॉक टावर कहा जाता है।
इसके चारों ओर चार घडिय़ां लगी हैं। यह टावर दूर से दिखता है। इसमें ब्रिटिश-भारतीय वास्तुकला का समावेश है। इसे हेरिटेज लुक देने के अलावा रंगबिरंगी लाइट-आकर्षक पत्थर, ग्रीन प्लांट-गमले लगेंगे। चारों घडिय़ों को चालू किया जाएगा।

जमीन पर ओस और आसमान में छाई रही धुंध

अजमेर. हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी का मौसम पर दिखने लगा है। अजमेर में सोमवार को बर्फीली ठंड और शीतलहर बनी रही। जमीन पर ओस और आसमान पर बादलों संग धुंध छाया रहा। मौसम में घुली गलन ने परेशान किया। कई जगह लोग अलाव जलाकर उसके सहारे बैठे रहे।
अल सुबह पहाड़ों और आसमान में धुंध छाई रही। लोग सिर से पैर तक ऊनी कपड़ों में लिपटे रहे। वाहनों, पेड़-पौधों और जमीन पर ओस भी नजर आई। बादलों के हटते ही खुलकर धूप निकली। लेकिन मौसम में ठंडक बनी रही। नलों में पानी भी बर्फ सा महसूस हुआ।