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सस्ती बिजली नहीं लेना चाहता राजस्व मंडल,डेढ़ साल से फाइलों में ही चल रहा है सोलर पावर प्लांट

बिना खर्च 120 किलोवाट का सोलर प्लांट लगाने की थी तैयारी 8.30 की बजाय 4.15 रुपए की दर से मिलती बिजली राजस्व मंडल का लगातार बढ़ रहा बिजली पर खर्च

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अजमेर. घूसकांड को लेकर चर्चा में चले राजस्व मंडल के अधिकारी न्यायिक कार्यो के इतर अन्य कार्यो में भी लापरवाही बरत रहे है। इसी का नतीजा है कि पिछले डेढ़ साल से राजस्व मंडल का 120 किलोवाट का सोलर पावर प्लांट कागजों में ही चल रहा है। इसके लिए राजस्व मंडल ने एक कमेटी भी गठित की है लेकिन महीनों बाद भी कमेटी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। मामले में खास यह है कि राजस्व मंडल को इस प्लांट की स्थापना पर राशि भी खर्च नहीं करनी है। सोलर प्लांट स्थापना की फाइल राजस्व मंडल की स्टोर शाखा, लेखा शाखा तथा पीडब्ल्यूडी के बीच इस टेबल से उस टेबल चक्कर लगा रही है। जहां जिलो व राज्य के अन्य विभाग स्वंय की छतों के जरिए सूरज की रोशनी से बिजली बना रहे है और अपना बिजली का खर्च घटा कर लाखों रुपए की बचत कर रहे हैं वहीं राजस्व मंडल में उल्टी गंगा बहाई जा रही है। प्रतिमाह लाखों रुपए बिजली बिल के नाम पर खर्च किए जा रहे है।

रैक्सो मॉडल पर लगना है सोलर प्लांट

बिजली बिल में कमी लाने के लिए राजस्व मंडल में 120 किलोवाट का सोलर प्लांट रेक्सो मॉडल पर लगाया जाना है। इस मॉडल पर लगने वाले इस प्लांट को स्थापित करने पर राजस्व मंडल को कोई राशि खर्च नहीं करनी पड़ेगी। राजस्व मंडल को केवल अपने भवन की छत को निजी फर्म को सोलर पैनल लगाने के लिए देना होगा। फर्म स्वंय के खर्च पर यहां प्लांट लगाएगी। काम रील के जरिए करवाया जा रहा है। इस प्लांट से उत्पादित बिजली निजी कम्पनी राजस्व मंडल को 4.15 रूपए प्रति यूनिट की दर से 25 वर्ष तक उपलब्ध करवाएगी। वर्तमान में राजस्व मंडल को बिजली करीब 8.30 रुपए की दर से मिलती है। प्लांट लगने से इसकी दर आधी हो जाएगी।

प्रतिमाह सवा चार लाख का खर्च

राजस्व मंडल में दिनोदिन बिजली की खपत बढ़ रही है। राजस्व मंडल प्रतिमाह करीब 4.15 लाख रुपए बिजली बिल को चुकाने में ही खर्च कर रहा है। इसलिए बिजली खपत में कमी लाने के लिए सोलर प्लांट आवश्यक है। राजस्व मंडल का विद्युतभार 238 केवी का है। मंडल ने 150 केवी का सोलर प्लांट प्रस्तावित किया था लेकिन छत को 120 केवी के सोलर प्लांट के लिए उपयुक्त माना गया। पूर्व में राजस्व मंडल में करीब 54 लाख रुपए खर्च कर बैट्री बैकअप के साथा सोलर प्लांट स्थापित किया गया था लेकिन नया भवन बनने के कारण इसे हटा दिया गया। इसके बाद से नया प्लांट लगाने का मामला अधर में चल रहा है।

यह विभाग बना रहे खुद की बिजली, बचा रहे खर्च

शहर व जिले में बड़ी संख्या में सरकारी विभाग अपनी खाली छतों का उपयोग कर सोलर प्लांट के जरिए सूरज की रौशनी के जरिए बिजली बना रहे है। बिजली का बिल कम करने के साथ ही अपना खर्च भी घटा रहे हैं। इनमें अजमेर डिस्कॉम, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, रेलवे, नगर निगम, एडीए, रीजनल कॉलेज, आरपीएससी के अलावा अन्य कई विभाग शामिल हैं।

इनका कहना है

यह अच्छा प्रोजेक्ट है। सभी विभाग अपना रहे हैं हमे भी अपनना चाहिए। मुझे मामले की जानकारी नहीं है। इसे दिखवाएंगे।

बी.एल.मीणा, रजिस्ट्रार, राजस्व मंडल

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