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राजस्व मंडल : जितने मामले हो रहे दर्ज, उसका आधा ही हो रहा निपटारा

मौजूदा रफ्तार से तो नहीं निपट पाएंगे 65 हजार पेंडिंग मुकदमे

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gwalior high court news

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भूपेन्द्र सिंह

राजस्व मंडल में लम्बित चल रहे 65 हजार 180 मुकदमों का निपटरा मौजूदा मुकदमे के निपटारे की गति से संभव नजर नहीं आ रहा है। राजस्व मंडल में वर्तमान में सदस्यों की संख्या सर्वाधिक है। राजस्व मंडल में नियुक्त सदस्यों को प्रतिमाह 45 दैनिक प्रकरण एवं 45 प्रार्थना पत्र निस्तारण का लक्ष्य निर्धारित है। वर्तमान में सदस्यों के पदों की संख्या 15 होने के कारण प्रतिमाह 675 प्रकरणों का ही निस्तारण हो पा रहा है। जबकि प्रतिमाह 1000 प्रकरण दायर हो रहे हैं तथा निस्तारण की गति धीमी है। यदि सदस्यों के 20 पदों को भरा जाए और प्रकरणों का निस्तारण किया जाए तो प्रतिमाह 900 प्रकरणों का निस्तारण ही हो पाएगा। ऐसे में सदस्यों की संख्या भी 20 से 25 करनी होगी तभी त्वरित गति से मुकदमों का निस्तारण हो सकेगा। 25 सदस्य होने पर प्रतिमाह 1125 मुकदमों का निस्तारण किया जा सकेगा और पेंडेंसी में कमी आएगी।

यह है राजस्व मंडल की पेंडेंसी

राजस्व मंडल में सर्वाधिक टीनेंसी एक्ट के 38 हजार 527 मुकदमे पेंडिंग हैं। जबकि राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम के 23 हजार 621 , कोलोनाइजेशन एक्ट के 1989, सीलिंग के 857, पब्लिक डिमांड रिकवरी एक्ट के 67, डायरेक्ट लैंड रिकॉर्ड के 34, एसचीट एक्ट के 20, जमींदारी बिस्वेदारी के 6, जागीर, एबोलेशन एक्ट के 6, फोरेस्ट एक्ट के 11, लैंड रिफॉर्म एएसओई के 16 मुकदमें पेंडिंग चल रहे हैं। इनकी कुल संख्या 65 हजार 180 है।

2811 मुकदमे दर्ज, 2259 निपटे

राजस्व मंडल में जिस रफ्तार से मुकदमे दर्ज होते हैं उनकी तुलना में उनका निपटारा नहीं होता है। हालांकि इस वर्ष के पांच महीनों में निस्तारण में तेजी आई है। राजस्व मंडल में जनवरी 2022 से मई 2022 तक 2 हजार 811 मुकदमे दर्ज हुए जबकि निपटारा 2 हजार 259 का ही हुआ। इसके लिए सदस्यों के 15 पद भरा होना भी प्रमुख कारण है।

ओडिशा मॉडल अपनाना होगा

राजस्व विभाग के विशिष्ट शासन सचिव विश्राम मीणा के अनुसार राज्य में राजस्व मुकदमों के त्वरित निस्तारण के लिए ओडिशा राज्य की तर्ज पर कोर्ट केस मॉनिटरिंग सिस्टम, सीसीएमस विकसित करते हुए प्रकरण दर्ज होने से लेकर सुनवाई व निस्तारण होने तक डिजिटलाइजेशन की व्यवस्था करवाया जाना उचित होगा।