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भाजपा और कांग्रेस ने यूं किया अजमेर को परेशान, जाम में फंसे लोग कोसते रहे नेताओं को

जाम में फंसे लोग कांग्रेस और भाजपा नेताओं को कोसते नजर आए। बेवजह शहर को परेशानी में डालने के आरोप-प्रत्यारोप भी लगाए।

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अजमेर

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dilip sharma

Jan 28, 2018

road and city interrupt in ajmer

road and city interrupt in ajmer

लोकसभा उपचुनाव के चलते भाजपा-कांग्रेस के रोड शो से शहर में कई जगह जाम लग गया। कहीं वाहनों का रूट बदलना पड़ा तो कई वाहन चालकों को इंतजार करना पड़ा। खासकर स्कूल, कॉलेज के छात्र-छात्राओं को तो पैदल ही घर तक का सफर करना पड़ा। जाम में फंसे लोग कांग्रेस और भाजपा नेताओं को कोसते नजर आए। उन्होंने नेताओं पर बेवजह शहर को परेशानी में डालने के आरोप-प्रत्यारोप भी लगाए।

भाजपा-कांग्रेस की ओर से शहर के दोनों छोर उत्तर-दक्षिण से रोड शो शुरू होने से कई घंटों तक रास्तों में जाम लग गया। पुष्कर रोड से कांग्रेस के रोड के चलते दोनों ओर से वाहनों की आवाहाजी थम गई। टेम्पो, सिटी बसों को भी वैशालीनगर से डायवर्ट किया गया। जो लोग बीच जाम में फंस गए उन्हें घंटों तक इंतजार करना पड़ा।

राजा साइकिल चौराहे से शुरू हुए भाजपा के रोड शो के चलते भी यही हालात बने। कई जगह लोग गलियों में दुपहिया वाहनों पर खड़े रहे, स्कूल बसें, टेम्पों में बच्चों को इंतजार करना पड़ा। स्टेशन रोड, आगरा गेट, गंज, पुष्कर रोड, नला बाजार, मदार गेट, केसरगंज, श्रीनगर रोड पर जगह-जगह वाहन चालक, दुपहिया वाहन चालक एवं पैदल चलने वाले राहगीर परेशान रहे।

जब पूरा शहर बंट गया दो भागों में....
2004 में तत्कालीन उप प्रधानमंत्री और भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने रोड शो किया था। उनकी सुभाष उद्यान में सभा होनी थी। उस दौरान पुलिस और प्रशासन ने जगह-जगह बेरीकेड और रूट डायवर्ट किया। इससे पूरा शहर दो भागों में बंट गया। लोग इधर से उधर जाने के लिए तरस गए थे। आडवाणी की सभा के बाद घंटों तक शहर का यातायात सुचारू नहीं हो पाया। परेशान लोगों ने जमकर नेताओं के लिए भड़ास निकाली थी।

रोड शो शहर को करते अस्त-व्यस्त
कांग्रेस और भाजपा के रोड शो हर शहर को अस्त-व्यस्त करते हैं। इस दौरान आमजन के खास कामकाज के लिए बाजार, स्कूल-दफ्तर जाना हो तो तब भी पुलिस परवाह नहीं करती। चुनाव के लिए सख्त नियम बनाने वालेसुप्रीम कोर्ट और निर्वाचन आयोग भी इस तमाशे को देखते हैं। कोई संस्था सरकार या पुलिस के इस रवैये तथा नेताओं के खिलाफ एक्शन नहीं लेती। जनता भी इस तमाशे को मूक दर्शक की तरह देखती रहती है। नेताओं और सरकार के वर्चवस्त के आगे कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं हेाता है।