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भूपेन्द्र सिंह
अजमेर. स्टेट या नेशनल हाइवे की तरह गांवों में भी अब सडक़ों Roads को करीब दस साल तक मरम्मत की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसकी शुरुआत चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा के गृह क्षेत्र केकड़ी से किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह प्रस्ताव सार्वजनिक निर्माण विभाग (pwd) केकड़ी के एक्सईएन केदार शर्मा ने तैयार किया है। इस पर नाबार्ड (nabard ) ने भी सहमति दे दी है। इसे पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि केकड़ी में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी सडक़ों की स्थिति ठीक नहीं है। इसे देखते हुए सार्वजनिक निर्माण विभाग ने केकड़ी क्षेत्र की 500 किमी सडक़ों को एन्यूटी मोड पर बनाने का विचार किया है। विभाग का दावा है कि इस मोड पर सडक़ बनाने से करीब 10 साल तक सडक़ मरम्मत की जरूरत नहीं पड़ेगी। बताया जा रहा है कि इस कार्य पर करीब 60 करोड़ रुपए की लागत आएगी और दस साल में करीब 25 करोड़ रुपए सरकार के बचेंगे।
क्या है एन्यूटी मोड(anuity mode)
एन्यूटी मोड उपयोग स्टेट हाइवे state highway एवं एनएच रोड के लिए किया जाता है। इसमें ठेकेदार को पहले वर्ष 40 प्रतिशत व बाकी के 4 वर्षों में 15 प्रतिशत भुगतान करना होता है। ठेकेदार ही इन सडक़ों की 10 वर्षों तक मेंटेनेंस करता है। इस तरह हर वर्ष पेचवर्क पर खर्च होने वाले 2 से 2.50 करोड़ बचेंगे। एेसे दस वर्ष में 25 करोड़ रुपए की बचत का अनुमान है।
इनका कहना है...
एसीएस की बैठक में एन्यूटी मोड पर सडक़ रिन्यूवल का प्रस्ताव दिया था। मुख्य अभियंता को भी जानकारी दी गई है। नाबार्ड भी सहमत है। यदि इस मोड पर सडक़ बनती है तो ग्रामीणों को स्टेट हाइवे स्तर की सडक़ मिलेगी। दस साल तक मरम्मत भी नहीं करवानी पड़ेगी।
केदार शर्मा, एक्सईएन, पीडब्लयूडी, खंड केकड़ी
Published on:
28 Sept 2019 09:34 pm
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