
roadways bus strike
अजमेर.
सातवें वेतनमान सहित अन्य मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी भले ही हड़ताल करें पर सरकार को जनता की परवाह नहीं है। बंद रोडवेज बस से सरकार को करोड़ों की चपत लग चुकी है। इसके बावजूद सरकार कोई नया विकल्प या स्थाई समाधान नहीं खोज पाई है।
रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में संयुक्त श्रमिक समन्वय समिति ने गांधी भवन से रोडवेज बस स्टैंड तक रैली निकाली। समिति के अध्यक्ष मोहन चेलानी एवं संयोजक सुनीत पुट्टी ने बताया कि कर्मचारी रोडवेज का अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
राजस्थान परिवहन निगम के श्रमिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा (एटक,सीटू, इंटक एसोसिएशन, बीजेएमएम, कल्याण समिति) के सचिव बनवारी लाल जांगिड़ ने बताया कि श्रमिक संगठनों की रैली में बड़ी संख्या में नॉर्थन रेलवे यूनियन, भारतीय जीवन बीमा निगम, अजयमेरू भवन व कर्मयोगी संघ, ऑटो-टैक्सी यूनियन, बार एसोसिएशन,एचएमटी संघ के कर्मचारी उपस्थित रहे।
रैली बस स्टैंड पहुंचकर सभा में परिवर्तित हो गई। सभा को सम्बोधित करते हुए कर्मचारी नेता मोहन चेलानी ने सरकार से जल्द फैसला लेकर 27 जुलाई के निर्णय लागू करने की मांग रखी। अरुण गुप्ता ने कहा कि कर्मचारी अब सरकार को विदा करके ही चैन लेंगे। कर्मचारी महासंघ ने परिवहन मंत्री के इस्तीफे की मांग की।
बंद करवाएंगे लोक परिवहन बसें
कर्मचारियों ने सभा के दौरान सरकार का समझौता निर्णय जल्द लागू नहीं करने पर लोक परिवहन सेवा की बसों को बंद कराने तथा गौरव यात्रा का विरोध करने का निर्णय लिया। रैली में गणपतलाल गोरा, राधावल्लभ शर्मा, करण सिंह , बी.पी. शर्मा, नारायण सिंह, बनवारी लाल, मोहनलाल शर्मा, दीपक वर्मा, अजय त्रिपाठी, गुलाब सिंह भाटी, त्रिलोकचंद यादव, दिनेश शर्मा, हरीशंकर रैगर, प्रहलाद पारीक, अनिल , हजारीलाल चौधरी, माणकचंद जैन सहित काफी लोग शामिल थे।
अब तक दो करोड़ का नुकसान
हड़ताल के चलते अजमेर के केन्द्रीय बस स्टैड, अजमेर तथा अजयमेरू आगार की बसें कार्यशाला व केन्द्रीय बस स्टैड परिसर में खड़ी रहीं। इससे अजमेर को ही अब तक दो करोड़ रुपए के राजस्व का घाटा हुआ है। अन्य जिलों की तीस बसें व उनका क्रू भी हड़ताल के कारण बस स्टैंड पर अटका रहा है।
Published on:
23 Sept 2018 05:14 pm
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