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लम्पी पॉक्स : पशु चिकित्सकों के मोबाइल नम्बर

कंट्रोल रूम स्थापित, चिकित्सकों के मोबाइल नम्बर जारी, केस बढ़े तो चेता विभाग

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लम्पी पॉक्स : पशु चिकित्सकों के मोबाइल नम्बर

लम्पी पॉक्स : पशु चिकित्सकों के मोबाइल नम्बर

अजमेर. इसके दूरभाष नंबर 0145-2628932 पर संपर्क किया जा सकता है। संयुक्त निदेशक कार्यालय पशुपालन विभाग अजमेर 0145-2429640, बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय अजमेर 0145-2429447 तथा क्षेत्रिय पशु रोग निदान केन्द्र अजमेर के दूरभाष नंबर 0145-2626286 है। नगर निगम अजमेर क्षेत्र में लम्पी से बीमार लावारिस पशु के लिए9001290591,मृत पशु ठेकेदार 9214964139 एवं 9829447637,कांजी हाउस 0145-2990591 एवं 8619878239,स्वास्थ्य अधिकारी 9828384638 एवं 9001292182 तथा डॉ. मनोज माथुर से 9414709223 नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है।

ग्रामीण क्षेत्र

ग्रामीण क्षेत्र के लिए भी पशुपालन विभाग द्वारा संबंधित पशु चिकित्सकों के नंबर जारी किए गए हैं। डॉ. कुलदीप अग्रवाल से सराधना क्षेत्र के लिए 9828211404 पर,डॉ. शैलेश तिवारी से ऊंटड़ा क्षेत्र के लिए 9928110549 पर,डॉ. राम नरेश मीणा से नसीराबाद क्षेत्र के लिए 9636757723 पर,डॉ. विक्रम सिंह से पीसांगन क्षेत्र के लिए 9829347076 पर,डॉ. नरेन्द्र कुमार चौहान से केकड़ी क्षेत्र के लिए 9414421296 पर,डॉ. अशोक सुवालका से सरवाड़ क्षेत्र के लिए 9799994047 पर,डॉ. अमित पारीक से सावर क्षेत्र के लिए 9214329542 पर,डॉ. जावेद हुसैन सेब्यावर क्षेत्र के लिए 9314946702 पर,डॉ. शिवचरण सिंह राणावत से मसूदा क्षेत्र के लिए 7976548703 पर, डॉ. मोहम्मद रफीक से बिजयनगर क्षेत्र के लिए 9414586147 पर,डॉ. अरविन्द से भिनाय क्षेत्र के लिए 7976755527 पर,डॉ. विष्णु प्रकाश बरबड़ से पुष्कर क्षेत्र के लिए 9529180726 पर,डॉ. सुनील कुमार शर्मा से रूपनगढ़ क्षेत्र के लिए 9829755766 पर,डॉ. देवेन्द्र सिंहसे किशनगढ़ क्षेत्र के लिए 9829376210 पर तथा डॉ. रामेश्वर लाल जाट से अंराई क्षेत्र के लिए 9414435949 पर संपर्क किया जा सकता है।

यह है लम्पी रोग के लक्षण

लम्पी स्किन डिजीज गोवंश में वायरस से होने वाला रोग है। मुख्य रूप से मच्छरों, मक्खियों, चिंचड़ों से फैलता है। स्वस्थ पशु द्वारा रोगी पशु के सम्पर्क में आने पर भी तथा संक्रमित पशुओं के उपयोग में लिए गए जल एवं भोजन को पुनः उपयोग में लेने से भी यह रोग फैलता है। इस रोग से रोगी पशु में बुखार आना तथा आंख व नाक से पानी बहना, पशु की चमड़ी पर कठोर गांठे (लम्प्स) बनने जैसे लक्षण दृष्टिगोचर होते हैं। इस कारण इसे लम्पी स्किन डिजीज कहते है। दूधारू पशुओं के दुग्ध उत्पादन में अचानक कमी हो जाती है। संक्रमित गर्भवती मादा पशुओं में गर्भपात की आशंका रहती है। इसका वायरस श्वसन तंत्र पर भी प्रभाव डालता है। रोग का संक्रमण बढ़ने पर नाक व मुंह से मवाद युक्त स्त्राव बहने लगता है। कभी-कभी रोग से पशुओं की मृत्यु भी हो सकती है। हालांकि इस रोग में मृत्यु दर अत्यंत कम (एक से 10 प्रतिशत तक) होती है।

रोग से बचाव के लिए पशुशाला एवं आस-पास के स्थानों पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। ज्यादा समय तक पानी का भराव नहीं होने देना चाहिए। नीम की पत्तियों को जलाकर धुंआ कर कीट संचरण कम किया जा सकता है। समय-समय पर पशुओं के रहने के स्थान (बाड़े) को 2 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइड से विःसंक्रमित किया जाना चाहिए।

उन्होंने बताया कि लम्पी स्किन डिजीज वायरस का लक्षणों के आधार पर उपचार किया जा रहा है। इस रोग का टीकाकरण ही रोकथाम व नियंत्रण का सबसे प्रभावी साधन है। वर्तमान में बकरी के चेचक के टीके से टीकाकरण इस रोग में उपयोगी सिद्ध हो रहा है। स्वस्थ पशुओं में रोग से बचाव के लिए टीकाकरण करवाया जाना सर्वोत्तम उपाय है। अजमेर डेयरी व जिला प्रशासन के सहयोग से यह टीका जिले की सभी पशु चिकित्सा संस्थाओं में निःशुल्क उपलब्ध है। अधिक जानकारी के लिए पशुपालक स्थानीय पशु चिकित्सा संस्था से सम्पर्क कर सकते है। साथ ही विभाग द्वारा जारी आवश्यक मोबाईल नंबर पर सम्बन्धित क्षेत्र के पशु चिकित्सा विशेषज्ञों से इस रोग से बचाव व रोकथाम के लिए जानकारी प्राप्त कर सकते है।