
Self Financing Course: विद्यार्थियों को अब तक ‘भारी ’ पड़ रही फीस
विभिन्न सरकारी कॉलेज में संचालित सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स में विद्यार्थियों को भारी-भरकम फीस चुकानी पड़ रही है। घोषणा के बावजूद प्रदेश के31 कॉलेज में संचालित 64 विषयों के पाठ्यक्रमों में सरकारी फीस लागू नहीं हुई है।
प्रदेश के स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स में नियमित के अलावा सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स संचालित है। इनमें कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय से जुड़े कोर्स शामिल हैं। नियमित कोर्स में सरकारी फीस लागू है। जबकि सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स में सभी कॉलेज ने अलग-अलग फीस तय कर रखी है। विद्यार्थियों से मिलने वाली फीस से कोर्स के खर्चे, जरूरत पडऩे पर संविदा शिक्षकों की नियुक्ति होती है। इन कोर्स की भारी-भरकम फीस होने के कारण विद्यार्थियों की आर्थिक परेशानियां बढ़ी हुई है। कई होनहार विद्यार्थी फीस के अभाव में दाखिलों से वंचित हो रहे हैं।
नहीं लागू हुई सरकारी फीस
विभिन्न कॉलेज में संचालित सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स में सरकारी फीस लागू होनी है। तत्कालीन भाजपा सरकार ने बीते साल बजट घोषणा के एसएफएस कोर्स को स्टेट फाइनेंसिंग योजना में परिवर्तित करने का ऐलान किया था। कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने 31 कॉलेज से सेल्फ फाइनेंसिंग कॉलेज की सूचना भी मंगलवाई थी। इसके बावजूद सत्र 2019-20 में पाठ्यक्रमों में सरकारी फीस लागू नहीं हुई है।
यह कॉलेज हैं शामिल
सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय अजमेर, राजकीय महाविद्यालय बारां, डीग, मीरा कन्या महाविद्यालय उदयपर, टोंक, देवली, श्रीगंगानगर, नीम का थाना, पाली, नाथद्वारा, कोटा (कन्या) कोटा कॉमर्स कॉलेज, खेतड़ी, पीपाड़ सिटी, बीकानेर, चित्तौडगढ़़, निम्बाहेड़ा, तारानगर, दौसा, लालसोट, बांदीकुई, दौसा, धौलपुर, नोहर, राजकीय महाविद्यालय, चिमनपुरा, कला महाविद्यालय चिमनपुरा, शाहपुरा कन्या, चौमू कन्या, राजकीय महाविद्यालय कोटपूतली
Published on:
09 Jul 2019 03:58 pm
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