
छात्र यौनशोषण व रैगिंग प्रकरण :जब बेटे ने फोन पर बताया घटनाक्रम तो पैरों तले खिसक गई थी जमीन, मेरा बच्चा चला जाता तो कौन लाता उसे
अजमेर. अगर..., मेरा बच्चा चला जाता तो कौन लाकर देता? बेटे के साथ अदालत परिसर पहुंची नामचीन स्कूल (कॉलेज) में हुए यौन शोषण प्रकरण के पीडि़त छात्र की मां की व्यथा चेहरे से साफ नजर आ रही थी। परिजन ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि जब बेटे को कॉल आया तो उनकी जमीन हिल चुकी थी। बेटे की मानसिक दशा ऐसी थी कि वह कुछ भी कर सकता था। वे न केवल बदनामी के डर से बात को नहीं छिपाना चाहते थे वरन् भविष्य में किसी बच्चे के साथ ऐसी हरकत न हो, इसके लिए उन्होंने पुलिस को शिकायत करने का निर्णय किया।
ख्याति देख करवाया दाखिला
परिजन ने बताया कि शिक्षण संस्थान की ख्याति देखकर उन्होंने अपने बेटे का दाखिला अजमेर करवाया। दाखिले के बाद वह लौट गए। लेकिन सात दिन बाद जब बेटे ने घबराए हुए फोन किया तो परिवार के लोग सकते में आ गए। गनीमत रही कि उनका बच्चा सुरक्षित उनके पास पहुंच गया।
सुरक्षा पर उठाए सवाल
परिजन ने बताया कि शहर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान में अपने बेटे दाखिले के लिए उन्हें खासी मशक्कत करनी पड़ी। दाखिले के समय वे संस्थान के भीतर चलने वाली व्यवस्थाओं व सुरक्षा इंतजामों को लेकर असंतुष्ट नजर आए। उन्होंने कहा कि संस्थान में छात्रों पर अंकुश नहीं है। निचले स्तर के कर्मचारी मामूली प्रलोभन के चलते बच्चों को बाहर आने-जाने देते हैं।
अन्दर कैसे पहुंची शराब!
पीडि़त छात्र के एक रिश्तेदार ने शिक्षण संस्थान के भीतर शराब और मादक पदार्थ की मौजूदगी पर भी सवाल खड़ा किया। उनका तर्क था कि इतने बड़े संस्थान में जहां पग-पग पर सिक्योरिटी का दावा किया जाता है, वहां मादक पदार्थ व शराब जैसे नशीले पदार्थ छात्रों की पहुंच तक है।
मंदिर में लगाई धोक
बयान के बाद पीडि़त छात्र की मां और रिश्तेदारों ने अदालत परिसर स्थित न्यायेश्वर महादेव मंदिर में धोक लगाई। उन्होंने ईश्वर से बेटे के मामले में न्याय मिलने की प्रार्थना की।
Published on:
07 Aug 2018 02:06 pm
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