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Shamefull: महिलाएं नहीं सुरक्षित, गंदी करतूत से कर रहे शर्मसार

पुलिस ने पीडि़ता का मेडिकल मुआयना कराने के बाद जांच शुरू कर दी है।

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rpae case

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अजमेर. रामगंज थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ है। पुलिस ने महिला का मेडिकल मुआयना कराने के बाद मामले की छानबीन शुरू कर दी है।रामगंज थाना प्रभारी गोमाराम ने बताया कि निकटवर्ती ग्राम की महिला ने शिकायत में बताया राजेश कथीरिया उससे 10-12 साल से दुष्कर्म कर रहा है। वह वीडियो बनाकर ब्लैकमेल भी करता है। उसने शिकायत पर जान से मारने की धमकी भी दी। पुलिस ने पीडि़ता का मेडिकल मुआयना कराने के बाद जांच शुरू कर दी है।

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ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह जियारत को आई महिला ने कोतवाली थाने में दुष्कर्म के मामले की शिकायत दी। बाद में उसने टैक्सी ड्राइवर द्वारा रुपए ऐंठने की बात कही। कोतवाली थाना प्रभारी शमशेर सिंह ने बताया मुंबई से दो-तीन पहले महिला ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह की जियारत के लिए आई थी। यहां उसे टैक्सी ड्राइवर बंटी मिला। युवक ने उसे होटल में ठहराया। पीडि़ता ने सुबह आकर दुष्कर्म की शिकायत दी। बाद में वह दोबारा थाने पर आई। उसने टैक्सी ड्राइवर पर करीब 12 हजार रुपए नहीं लौटाने की बात कही। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है।

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किन्नर का मामला हुआ था चर्चित
साल 2014 में मुंबई की किन्नर से दुष्कर्म का मामला चर्चा में आया था। 5 जून को मुंबई से किन्नर ख्वाजा साहब की दरगाह की जियारत को आई थी। उसने दरगाह थाना पुलिसकर्मियों द्वारा बदसलूकी और दुष्कर्म का आरोप लगाया था। यह मामला काफी चर्चा में रहा था। सरकार तक भी मामला पहुंचा था। तत्कालीन उच्चाधिकारियों को मामले की जांच करानी पड़ी थी।

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पुलिस का वीक ऑफ अभी टेढ़ी खीर, हैं कई सारी मुसीबत

प्रदेश में कामकाज के बढ़ते बोझ, व्यस्तता और अपराध नियंत्रण की चुनौतियों से पुलिसकर्मी भी तनावग्रस्त रहने लगे हैं। लगातार कामकाज से कई पुलिसकर्मियों की सेहत भी ठीक नहीं है। मानसकि तनाव, चिढ़चिढ़ापन भी बढ़ रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस मुख्यालय ने पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने की योजना बनाई थी। कई जिलों के चुनिंदा थानों में प्रयोग भी हुआ। सीमित स्टाफ और कार्यालय और अनुसंधान कार्य में दिक्कतें होने लगी। लिहाजा प्रयोग ज्यादा कामयाब नहीं हुआ।

यह हुआ था सर्वे
ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एन्ड डवेपलमेंट ने देश के 23 राज्यों में सर्वे किया था। इसमें 319 जिलों के 12 हजार 156 पुलिसकर्मियों, 1003 थानाधिकारियों और 962 पर्यवेक्षक अधिकारियों को शामिल किया गया। इसमें यह सामने आया कि 90 प्रतिशत पुलिसकर्मी 8 घंटे से ज्यादा ड्यूटी करते हैं। 73 प्रतिशत पुलिसकर्मियों को महीने में एक दिन की छुट्टी भी नहीं मिलती है।