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यहां होता है जूते-चप्पल का एक्स-रे, जानें आखिर क्या है खास वजह

श्रीलंका हादसे के बाद भी नहीं चेता पुलिस प्रशासन। दरगाह में सुरक्षा व्यवस्था पर नहीं दिया जा रहा है विशेष ध्यान

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security in dargah

security in dargah

अजमेर.

यह अस्पताल की एक्स-रे मशीन नहीं बल्कि विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा साहब की दरगाह में सुरक्षा व्यवस्था जांचने के लिए रखी गई एक्स-रे बैगेज मशीन है। लाखों रुपए की इस मशीन से बैग आदि जांच के बाद जायरीन को प्रवेश दिया जाना है लेकिन हकीकत इससे उलट है।

जूते-चप्पल का एक्सरे
जायरीन बिना जांच के सामान के साथ अंदर प्रवेश कर रहे हैं और एक्स-रे बैगेज मशीन साइड में पड़ी है। इसमें यहां आने वाले जायरीन अपने जूते-चप्पल उतार कर जियारत के लिए जा रहे हैं। पत्रिका के फोटोग्राफर ने जब मशीन में रखे जूते-चप्पल की फोटो ली तो प्रशासन को भनक लग गई और आनन फानन में मशीन से जूते चप्पल हटा दिए गए।

पुलिसकर्मी बेखबर
हालांकि मशीन खराब होने के कारण इसका कोई उपयोग नहीं है। खास बात यह है कि दरगाह के विभिन्न गेटों पर तैनात पुलिसकर्मी भी अपनी धुन में मस्त है। सभी गेटों पर जायरीन का प्रवेश बे-रोक टोक हो रहा है लेकिन पुलिसकर्मियों को कोई परवाह नहीं।

श्रीलंका हादसे के बाद भी नहीं चेते

श्रीलंका के चर्चों और होटलों में सिलसिलेवार बम धमाकों में 290 लोगों के मारे जाने की घटना के बाद भी ख्वाजा साहब की दरगाह सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन नहीं चेता है। कहीं पुलिसकर्मी आराम फरमा रहे हैं तो कहीं मोबाइल में व्यस्त नजर आ रहे हैं। जबकि सभी गेटों पर तीन-चार पुलिसकर्मियों की तैनाती रहती है।

यह भी जानिए

-11 अक्टूबर 2007 में हुआ था ख्वाजा साहब की दरगाह में बम धमाका-दरगाह बम ब्लास्ट में मारे गए थे तीन लोग

-हादसे के बाद मंगवाए गए थे महंगे सुरक्षा उपकरण-दरगाह में 6 गेटों से हो रही है जायरीन की आवाजाही

-लंगरखाना और सोलहखम्बा गेट पर रखी गई थी एक्स-रे बैगेज मशीन