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स्मार्ट सिटी: 6 माह बाद पीएमसी के लिए नया टेंडर जारी, उसमें भी गड़बडि़यां

कई शर्तें जोडी तो कई हटाई

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AJMER SMART CITY :

AJMER SMART CITY :

भूपेन्द्र सिंह
स्मार्ट सिटी लिमिटेड के प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए आखिरकार नई प्रोजेक्ट मैनेजमेेंट कंसलटेंट कम्पनी (पीएमसी) का 5 करोड़ 84 लाख रुपए का नया टेंडर जारी कर दिया गया है। हालांकि इसमें कई शर्तों को जोड़ा और हटाया गया है। टेंडर भी नियमानुसार स्मार्ट सिटी के सीईओ और एसीईओ के हस्ताक्षर के बिना ही जारी किया गया है। जबकि पिछली बार टेंडर एसीईओ के हस्ताक्षर से जारी हुआ था। इतना ही नहीं टेंडर के साथ कई प्रोजेक्टों की सूची को भी संलग्न बताया गया जबकि किसी भी प्रोजेक्ट की सूची को संलग्न ही नहीं किया गया है। नए टेंडर में आईटी एक्सपर्ट की पोस्ट खत्म कर दी गई है और अकाउंट्स की पोस्ट बढ़ा दी गई है। जबकि स्मार्ट सिटी मेें आईटी से संबधित कई प्रोजेक्ट बताए जा रहे हैं। नो तो प्रोजेक्टों की फिजिकल और फाइनेंशियल प्रोग्रेस ही दशाई गई है। किसी भी कम्पनी से ब्लैक लिस्ट नहीं होने का शपथ पत्र दिए जाने की शर्त भी हटा दी गई

दिसम्बर में दिए निर्देश, अब हुई पालना
स्मार्ट सिटी कम्पनी की नई पीएमसी की नियुक्ति के लिए तत्कालीन जिला कलक्टर एवं स्मार्ट सिटी के सीईओ प्रकाश राजपुरोहित ने 16 दिसम्बर 2021 को तत्काल टेंडर प्रक्रिया के निर्देश दिए थे। वर्तमान एसीईओ ने भी फाइल पर टेंडर के निर्देश दिए थे लेकिन अतिरिक्त मुख्य अभियंता अविनाश शर्मा ने मौजूदा कम्पनी को ही नियमों के विपरीत जनवरी 2023 तक दो साल तक सेवा विस्तार के लिए अभिशंषा भेज दी थी। वर्तमान जिला कलक्टर एंव स्मार्ट सिटी के सीईओ अंशदीप ने मामले में सख्त रुख अपनाया तो अब नया टेंडर करना पड़ रहा है।

जयपुर में पहले ही हो चुका है नया टेंडर
अजमेर स्मार्ट सिटी में जहां पीएमसी के लिए नया टेंडर नहीं कर पुरानी कम्पनी पर ही मेहरबानी दिखाई जा रही थी। वहीं स्मार्ट सिटी जयपुर में पीएमसी के लिए टेंडर पिछले साल ही किया जा चुका है।

पत्रिका ने उजागर किया फर्जीवाड़ा
स्मार्ट सिटी जयपुर में पीएमसी का नया टेंडर होने और अजमेर में वर्तमान कम्पनी को ही नियमों के विपरीत सेवा विस्तार देने के मामले का राजस्थान पत्रिका ने 28 दिसम्बर 2021 के अंक में प्रमुखता से खुलासा किया था।

एक साल पहले ही बढ़ा चुके हैं ठेका
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों की देखरेख के लिए कंसलटेंसी कंपनी एजिस को 23 जुलाई 2019 में 12.39 करोड़ रुपए में 18 महीने का ठेका दिया गया। यह अवधि 22 जनवरी 2021 में पूरी हो चुकी है और इसका एक साल विस्तार भी 21 जनवरी को पूरा हो गया। पीएमसी के डेढ़ साल के ठेके को कोरोना की आड़ में 1 साल का विस्तार पहले ही दिया गया था। जबकि आरटीपीपी एक्ट के अनुसार ठेके को 50 प्रतिशत तक ही बढ़ाया जा सकता था। इसके तहत अभियंता पहले ही एक साल यानि 21 जनवरी 2022 तक ठेका विस्तार दे चुके थे।

कई जगह ब्लैकलिस्ट हो चुकी है कम्पनी
स्मार्ट सिटी की वर्तमान पीएमसी पूर्व में कई सरकारी विभागों से ब्लैकलिस्ट भी हो चुकी है। इनमें जयपुर पीएचईडी के चीफ इंजीनियर स्पेशल प्रोजेक्ट से 2015 में ब्लैकलिस्ट किया गया था। कोटा व भरतपुर से भी इसे ब्लैकलिस्ट किया गया। एनएचआई भी इस कम्पनी को ब्लैकलिस्ट कर चुकी है। बांग्लादेश सरकार भी 2018 में ब्लैक लिस्ट कर चुकी है।
न 16 वर्ष का अनुभव और न 1 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट

नियमानुसार स्मार्ट सिटी के टीम लीडर को सिविल वर्क का 16 साल का अनुभव के साथ ही 500-500 करोड़ के दो प्रोजेक्टों का भी अनुभव आवश्यक है। जबकि वर्तमान टीम लीडर तो जलदाय महकमे से एक साल पहले ही सेवानिवृत हुए और सिविल के बजाय उनकी योग्यता भी मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है। उन्हें पूर्व में पर्यावरण विशेषज्ञ के पद पर रखा गया अब वेस्ट वाटर मैनेजमेंट की पोस्ट पर बिना अनुभव के चहेते टीम लीडर बना दिया गया।
इनका कहना है

चेयरमैन से अप्रूवल ली गई है। टेंडर में क्या कमियां है, कौन सी सूची नहीं लगी है इसे दिखवाया जाएगा। आईटी एक्सपर्ट भी लेंगे।

अंश दीप, जिला कलक्टर एंव सीईओ स्मार्ट सिटी


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