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Urs festival : ख्वाजा साहब की मजार से यूं उतारा जाता है संदल, देश-विदेश तक रहती है इसकी डिमांड

ऐसी मान्यता है कि हारी-बीमारी में इस संदल को पानी में डालकर पीने से राहत मिलती है।

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special sandal of ajmer sharif

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ख्वाजा साहब के मजार शरीफ पर सालभर चढ़ाए जाने वाला संदल शनिवार को उतारा जाएगा। संदल लेने के लिए जायरीन में जबरदस्त होड़ मचती है। खादिम सैयद कुतुबुद्दीन सकी ने बताया कि ख्वाजा साहब के उर्स से पहले चांद की 28 तारीख को दरगाह में सालभर चढ़ाए जाने वाले संदल को उतारे जाने की रस्म अदा की जाती है। यह संदल जायरीन में वितरित किया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि हारी-बीमारी में इस संदल को पानी में डालकर पीने से राहत मिलती है। इस संदल को खादिम अपने घरों में भी रखते हैं और सालभर यहां आने वाले जायरीन में वितरित करते हैं।

कल पहुंचेंगे मस्त कलंदर

महरोली शरीफ से पैदल चलकर आने वाले सैकड़ों मस्त कलंदर भी शनिवार को किशनगढ़ फाटक के पास पहुंच जाएंगे। वहां सर्वधर्म एकता समिति की ओर से उनका स्वागत किया जाएगा। मलंग रविवार को दरगाह में छडिय़ां पेश करेंगे। सैयद खुश्तर चिश्ती ने बताया कि करीब 1700 मलंग इस बार ख्वाजा साहब के उर्स का जगह-जगह पैगाम देते हुए अजमेर आ रहे हैं।

जन्नती दरवाजा 18 को खुलेगा

ख्वाजा साहब की दरगाह स्थित जन्नती दरवाजा रविवार को तड़के खोल दिया जाएगा। इस दिन रजब का चांद देखने के लिए हिलाल कमेटी की बैठक होगी। इस दौरान चांद नजर आया तो ख्वाजा साहब का 806वां उर्स शुरू हो जाएगा और महफिलखाने में उर्स की पहली महफिल होगी। चांद नहीं दिखने पर जन्नती दरवाजा रात को बंद कर दिया जाएगा और दूसरे दिन सुबह फिर से खोला जाएगा।

पाबंद करने के लिए लिखा पत्र

पिछले साल उर्स में दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन के भाई अलाउद्दीन अलीमी ने यह दावा किया था कि महफिल शुरू करवाने और सदारत करने का हक उनको है। इसे देखते हुए दरगाह कमेटी ने इस बार अलीमी को पाबंद करने के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा है।

विश्राम स्थली में होगी रौनक
कायड़ विश्राम स्थली में अगले दो-तीन में रौनक हो जाएगी। यहां यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात, मध्यप्रदेश और अन्य प्रांतों से आने वाले जायरीन ठहरेंगे। विश्राम स्थली में अस्थाई दुकानें और मस्जिद बनाई जाएगी।