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पधारो म्हारे देस….जब यूं किया वेलकम तो खिलखिला उठे बच्चे

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tourism day programme

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अजमेर.

विश्व विश्व पर्यटन दिवस पर पर्यटक स्वागत केन्द्र के तत्वावधान में कार्यक्रम जारी है। इसके तहत मीनू मनो विकास संस्थान चाचियावास के सहयोग से विशेष योग्यजन छात्र-छात्राओं को पर्यटक स्थलों का भ्रमण कराया गया।

जिला कलक्टर आरती डोगरा ने हरी झंडी दिखाकर दल को रवाना किया। बच्चों का कई जगह पुष्प वर्षा और माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। यह देखकर बच्चे भी खिलखिला उठे। बच्चों को पर्यटन विभाग ने उपहार भी बांटे। 26 सितम्बर को सुबह 11 बजे जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक प्रथम, फूड क्राफ्ट संस्थान, भारतीय पुरातत्व सर्वेंक्षण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आनासागर बारादरी पर स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम होगा। इसमें स्कूल के छात्र-छात्राओं और फूड क्राफ्ट संस्थान के प्रशिक्षु सफाई अभियान एवं नुक्कड़ नाटक के माध्यम से स्वच्छाता का संदेश देंगे।

27 सितम्बर को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर रेलवे स्टेशन पर पर्यटकों का माला पहनान कर और कच्छी घोड़ी नृत्य प्रस्तुत कर स्वागत किया जाएगा। राजकीय संग्रहालय में दोपहर 12 बजे पर्यटकों का परम्परागत स्वागत होगा। स्कूली छात्र-छात्राओं की चित्रकला प्रतियोगिता होगी। इस दिन संग्रहालय में प्रवेश नि:शुल्क होगा। पुष्कर में जयपुर घाट पर शाम 5 बजे से आगन्तुक पर्यटकों का परम्परागत स्वागत ,नगाड़ा शहनाई वादन व कालबेलिया नृत्य प्रस्तुत कर होगा।

जलझूलनी एकादशी पर निकली ठाकुरजी के रेवाडिय़ां

जलझूलनी एकादशी पर शहर में ढोल-ढमाके और गाजे-बाजे के साथ ठाकुरजी की रेवाडिय़ां निकाली गईष। ठाकुरजी को जल विहार कराया गया। लोगों ने रेवाड़ी के दर्शन कर मन्नत मांगी।

भाद्रपद की जलझूलनी एकादशी पर ठाकुरजी की पारम्परिक रेवाडिय़ां निकली गई। मेयो कॉलेज में विभिन्न सदनों के छात्रों ने पारम्परिक रंग-बिरंगे साफे बांधकर ठाकुरजी की रेवाड़ी निकाली। जयकारे लगाते हुए उन्होंने ठाकुरजी को स्वीमिंग पूल में जल विहार कराया। इसी तरह अखिल भारतीय बसीटा धोबी महासभा पुष्कर के तत्वावधान में भगवान राधाकृष्ण की रेवाड़ी निकाली गई।

इसी तरह शांतिपुरा सत्यानाराण मंदिर, नृसिंह मंदिर, चारभुजा मंदिर और अन्य देवालयों से ठाकुरजी की रेवाडिय़ां निकाली गई। मान्यतानुसार छोटे बच्चों-शिशुओं को रेवाड़ी के नीचे से निकाल कर, श्रीफल चढ़ाकर घर-परिवार में खुशहाली की कामना की गई। सुन्दर विलास स्थित गर्ग भवन में जलझूलनी एकादशी मनाई गई। इसके बाद हाथी भाटा लक्ष्मीनारायण मन्दिर से आई रेवाड़ी की पूजा कई गई।