
mds university vice chancellor issue
अजमेर
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय की परेशानियां बढऩे वाली है। शैक्षिक और प्रशासनिक कामकाज देख रही डीन कमेटी जुलाई अंत से कामकाज नहीं कर पाएगी। उधर ज्यादातर संकाय में डीन पद खाली हैं। कुलपति के बगैर इनकी नियुक्ति संभव नहीं है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने लक्ष्मीनारायण बैरवा की याचिका पर कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह के कामकाज पर बीते साल 11 अक्टूबर से रोक लगाई है। यह रोक 2 अगस्त तक जारी है। कुलपति की गैर मौजूदगी से बीते नौ महीने में विश्वविद्यालय के अहम कामकाज गड़बड़ा चुके हैं। यहां चुनिंदा शैक्षिक, प्रशासनिक और परीक्षात्मक कार्यों के लिए राजभवन ने जनवरी में डीन कमेटी बनाई थी। कमेटी में विज्ञान संकाय के डीन प्रो.प्रवीण माथुर, सामाजिक विज्ञान के डीन प्रो. शिवदयाल सिंह सहित कुलसचिव और वित्त नियंत्रक भागीरथ सोनी शामिल हैं।
जुलाई अंत में बढ़ेगा संकट
डीन कमेटी जुलाई अंत से कामकाज नहीं कर पाएगी। दरअसल कमेटी सदस्य और पर्यावरण विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. माथुर का बतौर डीन कार्यकाल 30 जुलाई को खत्म होगा। उनके बाद अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. सिंह पूरे विश्वविद्यालय में एकमात्र डीन रह जाएंगे।
कुलपति के बगैर नियुक्ति मुश्किल
मौजूदा वक्त विश्वविद्याल के मैनेजमेंट, कॉमर्स, शिक्षा, कला और ललित कला संकाय के डीन पद रिक्त हैं। विधि संकाय के डीन डॉ. डी. के. सिंह का बीते अप्रेल में निधन हो चुका है। फिलहाल सिर्फ विज्ञान और सामाजिक विज्ञान संकाय में ही डीन कार्यरत हैं। विश्वविद्यालय एक्ट के अनुसार कुलपति ही डीन की नियुक्तियों के लिए अधिकृत हैं।
कुलपति बना गए थे कमेटी
कुलपति प्रो. सिंह ने बीते वर्ष अक्टूबर में सामान्य कामकाज के लिए चार डीन की कमेटी बना दी थी। जबकि विधानसभा में पारित महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक-2017 में किसी डीन कमेटी गठन का प्रावधान नहीं है। इसमें साफ कहा गया है कि अधिनियम की धारा 9 (10) के तहत किसी विश्वविद्यालय के कुलपति पद की कोई स्थाई रिक्ति, मृत्यु, त्यागपत्र, हटाए जाने, निबंलन के कारण या अन्यथा होने पर उप धारा 9 के तहत कुलाधिपति सरकार से परामर्श कर किसी दूसरे विश्वविद्यालय के स्थाई कुलपति को अतिरिक्त दायित्व सौंपेंगे।
Published on:
15 Jul 2019 07:14 am
बड़ी खबरें
View Allअजमेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
