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Stop Raaging: रैगिंग है गंभीर अपराध, नहीं बर्बाद करें किसी स्टूडेंट की जिंदगी

Ragging Committee: रैगिंग कमेटियों को सतर्क रहने और नियमित दौरे करने को कहा है।

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anti ragging films

anti ragging films

रक्तिम तिवारी/अजमेर.कॉलेज और विश्वविद्यालयों को नए सत्र में विद्यार्थियों को एन्टी रैगिंग फिल्म दिखानी होगी। यूजीसी (UGC) ने देश के सभी संस्थानों को इसके निर्देश दिए हैं। साथ ही रैगिंग कमेटियों को सतर्क रहने और नियमित दौरे करने को कहा है।

वर्ष 2009 में छात्र अमन काचरू की रैगिंग से मृत्यु हुई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme court of india) ने रैगिंग को दंडनीय अपराध घोषित किया है। कॉलेज, विश्वविद्यालयों में एन्टी रैगिंग कमेटियां और प्रकोष्ठ गठित किए गए हैं। इनमें पुलिस अफसरों, एनजीओ, शिक्षाविद शामिल हैं। यूजीसी ने भी हैल्पलाइन नंबर की सुविधा, रैगिंग के खिलाफ पोस्टर, व्याख्यान, संगोष्ठी, नुक्कड़ नाटक जैसे कदम उठाए। फिर भी देश के कॉलेज, विश्वविद्यालयों में रैगिंग जारी है। इस पर प्रभावी रोक नहीं लग पाई है।

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दिखाएं एन्टी रैगिंग फिल्म
यूजीसी ने एन्टी रैगिंग (Anti Ragging films) से जुड़ी लघु फिल्में तैयार की है। कॉलेज, विश्वविद्यालयों को सत्र 2019-20 में एन्टी रैगिंग फिल्म दिखाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा एन्टी रैगिंग कमेटियों को आकस्मिक जांच के निर्देश दिए हैं। इसके तहत संस्थाओं की कैंटीन, टॉयलेट, हॉस्टल, निजी/किराए के भवनों में रहने वाले छात्र-छात्राओं के कमरों, बस स्टैंड, पुस्तकालय और अन्य स्थान शामिल हैं।देश में बीते

छह सत्रों के रैगिंग मामले

2013-640
2014-780

2015-1,183
2016-2415

2017-3515
2018-4000

(स्त्रोत यूजीसी)

रैगिंग के कुछ चर्चित केस
-बिहार के दरभंगा मेडिकल कॉलेज में रैगिंग पर 54 छात्रों पर केस

-आईआईटी कानपुर में रैगिंग पर 22 छात्रों पर कार्रवाई
-नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी भोपाल में 6 छात्रों पर कार्रवाई

-मुंबई में एक मेडिकल छात्रा ने की आत्महत्या, सीनियर पर केस