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छात्रसंघ चुनाव…कई बार छात्रों को खदेडऩा पड़ा पुलिस को

locationअजमेरPublished: Sep 11, 2018 05:37:01 am

Submitted by:

raktim tiwari

www.patrika.com/rajasthan-news

police in action

police in action

अजमेर. छात्रसंघ चुनाव मतगणना के दौरान मंगलवार को सभी संस्थाओं के बाहर जबरदस्त गहमा-गहमी रही। पुलिस को परस्पर नारेबाजी के चलते कई बार छात्रों को खदेडऩा पड़ा।

सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के बाहर पुलिस ने बेरीकेडिंग लगाकर छात्रों को रोका। यहां कई बार नारेबाजी और हुड़दंग जैसा माहौल बन गया। यह देखकर पुलिसकर्मियों ने लाठियां फटकाकर कर छात्रों को कई बार हटाया। क्यूआरटी और पुलिस के घुड़सवार दल ने भी मोर्चा संभाले रखा।
पुलिसकर्मियों की बार-बार चेतावनी और सख्ती देखकर कई छात्र आसपास की गलियों में भागते नजर आए। मालूम हो कि 31 अगस्त के मतदान के दिन भी महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के बाहर पुलिस ने लाठियां फटकारी थी। एनएसयूआई और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों में परस्पर नारेबाजी के चलते माहौल कुछ देर के लिए तनाव पूर्ण हो गया था।
पिछले साल हुआ था ये हाल…

पिछले साल 4 सितम्बर को मतगणना के दौरान जीसीए चौराहे पर छात्रों की नारेबाजी और हुड़दंग के चलते पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। कई छात्र गिरते-पड़ते गलियों और सेंट फ्रांसिस अस्पताल और अन्य जगह घुस गए थे। यहां भी पुलिस ने इन पर लाठियां बरसाई थी। साल 2016 में भी जीसीए चौराहे पर लाठीचार्ज किया था। यहां सेंट एन्सलम्स स्कूल के आसपास पुलिस के घुड़सवार दल ने कांग्रेस नेताओं, एनएसयू्आई के पदाधिकारियों और छात्रों पर लाठियां बरसाई। इससे कई लोगों के सिर, हाथ-पैर में चोटें पहुंची थी।
एनएसयूआई छात्रसंघ चुनाव से उत्साहित

जिलाध्यक्ष नवीन सोनी, युवा कांग्रेस के सुनील लारा, ईश्वर राजोरिया, नरेश सारवान, जितेंद्र गुर्जर और अन्य छात्रों ने चुनाव कमान संभाली। गुटबाजी के बावजूद सही रणनीति और पारम्परिक जातिगत वोट बैंक के बूते एनएसयूआई को कई जगह जीत मिली। मदस विश्वविद्यालय में भले जीत नहीं मिली लेकिन प्रत्याशी की जीत से कार्यकर्ता उत्साहित नजर आए।
बचते रहे पदाधिकारी

चुनाव नतीजे सामने आने के बाद एनएसयूआई और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद टिप्पणी से बचते दिखे। मदस विश्वविद्यालय, सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय, दयानंद कॉलेज में कामयाबी नहीं मिलने से प्रदेश और जिला स्तर के पदाधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। खासतौर पर विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह नतीजे उलटफेर का संकेत हो सकते हैं।

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