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जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी विभाग में ग्रहण लग गया है। कार्डियोलॉजी विभाग में कार्यरत सहायक आचार्य डॉ. आनंद अग्रवाल ने इस्तीफा दे दिया है। मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. के.सी. अग्रवाल ने इसे सरकार के पास भिजवा दिया है। अब सरकार इस्तीफा मंजूर करती है या नहीं, अभी यह स्पष्ट नहीं है। मगर इस्तीफे की वजह को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है।
कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र गोखरू के सहयोगी के रूप में डॉ. अग्रवाल बखूबी काम संभाल रहे थे। उन्होंने किन कारणों से इस्तीफा दिया है वह भी सामने नहीं आया है। डॉ. अग्रवाल भी इस पर चुप्पी साध रहे हैं। हालांकि उन्होंने इशारा किया कि कुछ दिनों में इसका भी खुलासा हो जाएगा।
बताया जा रहा है कि उन्होंने अपने पिता की इच्छा अनुसार यह निर्णय लिया है मगर सच्चाई कुछ अलग है। जानकारों के अनुसार कार्यों में हस्तक्षेप एवं उनके कार्य को प्रभावित करने जैसे कुछ फैसलों को लेकर डॉ. अग्रवाल खफा रहे हैं। जानकार तो यहां तक बताते हैं कि डॉ. अग्रवाल का कद दिन ब दिन बढ़ता जा रहा था जो अन्य को नहीं पच रहा था।
कार्डियोलोजी विभाग की यह है स्थिति
पिछले 10 माह में करीब 80 हजार मरीज आउटडोर में पहुंचे। प्रतिदिन का आउटडोर भी 250 से 300 रहता है। विभाग में यूटीबी पर लगे तीन चिकित्सक पिछले कई दिनों से नहीं आ रहे हैं। इनमें से एक को निलम्बित भी कर दिया है। डॉ. प्रदीप मीणा, डॉ. लोकेश अग्रवाल व डॉ. भंवर सिंह रिणवां लम्बे समय से नहीं आ रहे हैं। इनमें से डॉ. रिणवां को हाल ही निलम्बित कर दिया गया। डॉ. लोकेश कभी कभार आ जाते हैं।
मैंने मेडिकल कॉलेज प्रिंसीपल को इस्तीफा सौंप दिया है। इस्तीफे के कारणों पर कुछ नहीं बता सकता, सब कुछ सामने आ जाएगा।
डॉ. आनंद अग्रवाल, सहायक आचार्य
डॉ. आनंद ने इस्तीफा दिया है। समझाइश के बावजूद वे अपने फैसले पर अडिग़ हैं। सरकार को अवगत करा दिया गया है।
- डॉ. के.सी. अग्रवाल, प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज, अजमेर
Published on:
19 Nov 2016 09:22 am
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