6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बोला सुप्रीम कोर्ट – समझिए बेटी का दर्द, दस साल की सजा अपराधी के लिए कम

14 अप्रेल 2011 को बच्ची का यौन उत्पीडन किया गया था। इस संबंध में भिनाय थाने में मामला दर्ज कराया गया।

less than 1 minute read
Google source verification

अजमेर

image

Preeti Bhatt

Jun 14, 2019

sc

high alert in ayodhya, news broadcasting standards authority guidelines

अजमेर . सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के अजमेर जिले में चार साल की बच्ची से बलात्कार के मामले में केवल 10 साल की सजा देने पर हैरानी जताई है। कोर्ट ने कहा कि एेसे अपराधी के लिए उम्रकैद की सजा क्यों नहीं दी गई ,केवल 10 साल की सजा एेसे अपराधी के लिए बहुत कम है। साथ ही हाईकोर्ट और निचली अदालत से कहा है कि वो जघन्य अपराधों में उम्र देखकर सजा नहीं घटा सकती।

भिनाय थाने में दर्ज हुआ मामला
14 अप्रेल 2011 को बच्ची का यौन उत्पीडन किया गया था। इस संबंध में भिनाय थाने में मामला दर्ज कराया गया। प्रकरण में 14 दिसम्बर 2018 को एडीजे केकड़ी ने अभियुक्त को 10 साल की सजा व 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा से दंडित किया था। जुर्माना अदा नहीं किए जाने की स्थिति में एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतने के आदेश दिए। आदेश के खिलाफ अभियुक्त ने हाइकोर्ट में अपील की, जिस पर फरवरी 2019 में हाइकोर्ट ने अभियुक्त को कोई राहत देने से इन्कार कर दिया। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी। अभियुक्त लक्ष्मीनारायण उर्फ छोटू महाराज करीब 60-62 साल का व्यक्ति है। उम्र के आधार पर ही उसने कम सजा दिए जाने की गुहार की थी।


बड़ी खबरें

View All

अजमेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग