अजमेर स्मार्ट सिटी योजना में निर्मित रामसेतु (एलिवेटेड रोड) की उच्च स्तरीय जांच को लेकर प्रशासन में हलचल मच गई है। जिला प्रशासन ने नगर निगम के एडिशनल चीफ इंजीनियर प्रेम शंकर, अजमेर विकास प्राधिकरण के अधीक्षण अभियंता हरीश अग्रवाल एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता गिरिराज प्रसाद गुप्ता की कमेटी का गठन किया है। कमेटी रविवार को दोपहर 12 बजे रामसेतु का निरीक्षण करेगी। इसकी रिपोर्ट सोमवार को सौंपी जाएगी।
बीती 2 जुलाई को हुई झमाझम बरसात के बाद रामसेतु में सोनीजी की नसियां के सामने वाले हिस्से में सड़क धंसने से बड़ा गड्ढा हो गया था। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने जिला कलक्टर को कमेटी गठित कर जांच के निर्देश दिए थे। स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने भी रामसेतु का दौरा कर नाराजगी जताई थी।
विशेषज्ञ ब्रिज की डामर सड़क का सैंपल कलेक्ट कर तकनीकी जांच करवाई जाएगी। इनमें रही कमियों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। गौरतलब है कि फिलहाल निर्माण एजेंसी आरएसआरडीसी ने पेचवर्क कर गड्ढों को भरा है। लेकिन पानी की निकासी और बारिश को देखते हुए यह इंतजाम नाकाफी है।
अधिकृत सूत्रों के अनुसार जिला कलक्टर अथवा उच्च अधिकारी रामसेतु को स्मार्ट सिटी प्राइवेट लिमिटेड को भी सौंप सकते हैं। इसके लिए रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जाएग। हालांकि इसकी नोडल एजेंसी आरएसआरडीसी है। स्मार्ट सिटी का बजट केंद्र सरकार स्वीकृत करती है। ऐसे में इसके रखरखाव और मरम्मत का कार्य नए सिरे से हो सकता है।
ब्रिज के कट को बंद करने, स्पीड ब्रेकर तकनीकी रूप से पुन: बनाने, ब्रिज के नीचे क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत, टेलीफोन एक्सचेंज और पोस्टल डिपार्टमेंट की दीवारों को पीछे करने आदि की नई योजना बन सकती है। रामसेतु पर किस मद में कितनी राशि का भुगतान हुआ इसे लेकर भी रिपोर्ट तलब की जाएगी।
स्वायत्त शासन मंत्री खर्रा ने अफसरों को सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट भेजने को कहा है। उन्होंने नगर निगम आयुक्त को सेफ्टी ऑडिट की रिपोर्ट नहीं होने पर संबंधित एजेंसी से उसकी कॉपी मंगवाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ डिजाइन व मेटेरियल आदि की पत्रावली भी तलब की हैं।
Updated on:
06 Jul 2025 11:14 am
Published on:
06 Jul 2025 11:13 am