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हटाए गए अस्थाई कार्मिकों फिर मिल सकती है नौकरी

मंत्रालय निर्देश के बाद देशभर में जुटाया जा रहा है डाटाडाक विभाग

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india post

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अजमेर.डाक विभाग india post से निकाले गए अस्थाई Temporary कर्मचारियों workers (बाहरी व्यक्तियों) को फिर से काम job पर लिया जा सकता है। संचार मंत्रालय ने सभी राज्यों के पोस्टल सर्किल से ऐसे कर्मचारियों की सूची भेजने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय के निदेशक(डब्ल्यू एंड एस) डायसी बिरला के अनुसार कोरोना महामारी के दौरान डाक विभाग की सेवा को महत्वपूण मानते हुए इसके जारी रखा गया है। लॉक डाउन में भी विभागके कार्मिकों के साथ ही बाहर व्यक्ति भी निर्धारित से अधिक घंटो तक काम कर रहे हैं। जनता तक पोस्टल सेवा के साथ ही आर्थिक सेवा भी दे रहे हैं। विभाग के सूत्रों के अनुसार देशभर में डाक विभाग में अस्थाई रूप से काम कर रहे कार्मिकों की संख्या 50 हजार के करीब है। अकेले डाक विभाग राजस्थान दक्षिणी क्षेत्र के तहत आने वाले 13 जिलों में 400 अस्थाई कार्मिक काम कर रहे थे जिन्हें हाल ही हटाने के आदेश जारी कर दिए गए थे।
बाहरी व्यक्तियों के भरोसे आरएमएस

रेल मेल सेवा (आरएमएस) में विभाग के पास स्टाफ बेहद कम है। पढ़े लिखे बाहरी व्यक्तियों के जरिए ही आरएमएस का संचालन किया जा रहा है। वहीं डूंगरपुर में भी विभाग के पास स्वीकृ पद की तुलना में आधा ही स्टाफ होने से यहां भी बाहरी व्यक्ति ही व्यवस्था को बनाए हुए हैं। अजमेर के मुख्य डाकघर में डाकियों के 76 पद हैं। इनमें से 39 रिक्त हैं केवल 37 डाकिए ही सेवा दे रहे हैं। इनमें से 2 डाकियों के ऊपर ही शहर में 400 पार्सल बांटने का जिम्मा है।
506 रुपए मिलता है भुगतान

डाक डिलवरी का 70 प्रतिशत इन्हीं के भरोसे है।
पोस्टमैन के पद पर कार्य करने वाले बाहरी व्यक्ति को 506 रुपए प्रतिदिन और क्लेरिकल पद पर काम करने वालों को 619 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाता है। डाक डिलवरी का 70 प्रतिशत इन्हीं के भरोसे है। विभाग ने अपने विभिन्न डाकघरों में रिक्त पदों के अगेंस्ट में कार्य सुचारू रूप से चलाने के लिए डाकिए व क्लेरिकल पद पर सेवानिवृत तथा आउट साइडर कर्मचारियों को लगा रखा था।

पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था मामला
राजस्थान पत्रिका ने 8 अप्रेल के अंक में इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। मामला मंत्रालय तक भी पहुंचा था। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने अपील की थी कोई भी प्राइवेट सेक्टर आदि लॉक डाउन की वजह से न तो किसी मजदूर का वेतन काटे और न ही नौकरी से बेदखल करे। केन्द्रीय श्रम मंत्रालय ने 20 मार्च को जारी एडवायजरी का भी उल्लंघन किया गया। जबकि डाक विभाग में तो नियोजित किए गए बाहरी व्यक्तियों को हटाने के ही आदेश जारी कर दिए।


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