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सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दस स्टूडेंट्स सस्पेंड, एक साल तक नहीं कर पाएंगे पढ़ाई

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ten students suspend

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मदनगंज-किशनगढ़.

24 घंटे पुस्तकालय कक्ष खुला रखने पौष्टिक भोजन समेत अन्य मांगों को लेकर बीते महीने आंदोलन करने वाले राजस्थान केंद्रीय विवि के 10 छात्र-छात्राओं पर कार्रवाई की गाज गिर गई है। राजस्थान विश्वविद्यालय की अनुशासन कमेटी ने प्रदर्शनकारी 10 छात्र-छात्राओं को एक साल के लिए निष्कासित कर दिया है और 22 नवम्बर की शाम तक जबाव देने की हिदायत दी है।

विद्यार्थी अनुशासनात्मक कमेटी ने छात्र मुकेश खारवाल समेत बालकृष्ण कुमावत, प्रभांशु काजला, रघुवीरदान चारण, करिश्मा, रेणू, राहुल, सीमा, प्रियांशी और हिना को अनुशासनहीनता बरतने के आरोपों के चलते एक साल के लिए वर्तमान अकादमी शैक्षणिक सत्र से निष्कासित कर दिया है। साथ ही 22 नवम्बर शाम 5 बजे तक जबाव देने का समय भी दिया गया है।

तत्काल खाली करें हॉस्टल

छात्र मुकेश खारवाल ने बताया कि इनमेें से उसे और बालकृष्ण कुमावत, रघुवीर दान चारण एवं प्रभांशु काजला को तत्काल हॉस्टल का रूम खाली करने की हिदायत दी गई है। इन सभी 10 छात्र छात्राओं को निष्कासित की सूचना उन्हें उनकी मेल पर भेजी गई है। छात्र मुकेश खारवाल का कहना है कि आंदोलन समाप्ति के दौरान यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने किसी भी छात्र या छात्रा पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने का भरोसा दिया था और मांगों और इन्ही शर्तों के बाद विद्यार्थियों ने अपनी सहमति देकर आंदोलन समाप्त किया था।

परीक्षा दे सकेंगे या नहीं?

इसके बावजूद निष्कासन की कार्रवाई की गई। ऐसे में निष्कासन की सूची में आए छात्र छात्रों के आने वाली परीक्षाओं से भी वंचित होने की संभावना बन गई है। विद्यार्थियों ने विरोध स्वरूप सोमवार को विश्वविद्यालय में होने वाली युवा संसद का भी बहिष्कार करना बताया जा रहा है।

परीक्षा तिथियों से नजदीक समय 10 विद्यार्थियों पर निष्कासन की कार्रवाई किए जाने से साथी दूसरे विद्यार्थियों में भी रोष है। गौरतलब है कि 24 घंटे पुस्तकालय सुविधा, छात्राओं की बायोमेट्रिक मशीन से उपस्थिति की व्यवस्था को बंद करने समेत अन्य मांगों को लेकर विद्यार्थियों ने 9 से 15 अक्टूबर तक आंदोलन किया था और कक्षाओं एवं हॉस्टल का भी बहिष्कार किया था।