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अजमेर. स्मार्ट सिटी के तहत जेएलएन अस्पताल में मेडिसिन ब्लॉक व पार्र्किंग निर्माण के ठेके देने में चहेती फर्म को फायदा पहुंचाने की शिकायत स्मार्ट सिटी लिमिटेड को मार्च में ही गई थी। लेकिन अभियंता शिकायत को दबाए रहे तीन माह बाद जब यह मामला एसीईओ तक पहुंचा तो टेंडर निरस्त करना पड़ा। टेक्स की गणना और प्रमाण पत्र से मिलना नहीं होने के कारण एक बार फर्म रिजेक्ट होने की कगार पर भी आ गई लेकिन स्मार्ट सिटी के अभिंयताओं व अकाउंट ऑफिसर की टेंडर अप्रूवल कमेटी ने इसे हरी झंडी दे दी। फर्म ने टेंडर दाखिल किया और इसकी तकनीकी व फाइनेंसियल बिड भी खोल ली गई। टेंडर निरस्त होने के बाद अर्नेस्ट मनी जब्त करने की बजाय ठेकेदार फर्म को राशि लौटाकर उपकृत भी कर दिया गया। टेंडर निरस्त होने,दोबारा टेंडर करने में धन व समय दोनो की बर्बादी हुई,लेकिन इसके लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया। अगले माह पंचायत चुनावों की आचार संहिता लगने की संभावना है एेसे में मेडिसिन ब्लॉक के लिए यदि जल्द टेंडर जारी नहीं किया गया तो मामला फिर खटाई में पड़ सकता है।
केन्द्र सरकार जता चुकी है नाराजगी
केन्द्र सरकार पहले ही स्मार्ट सिटी के काम की प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए चेतावनी दे चुकी है। स्मार्ट सिटी के नाम पर गिनाने के लिए केवल 4 काम ही नजर आ रहे हैं। इस वर्ष जनवरी माह में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल अफसरों सहित जेएलएन अस्पताल का निरीक्षण करते हुए त्वरित निर्माण के निर्देश भी दे चुके है। लेकिन चिकित्सा मंत्री के जिले में ही करोड़ रुपए का बजट उपलब्ध होने के बावजूद अस्पताल में जरूरी निर्माण स्मार्ट सिटी के अभियंताओं की लापरवाही की भेंट चढ़ गया है। अस्पताल में मेडिसिन ब्लॉक,पिडियाट्रिक्स ब्लॉक तथा मॉचर्री ब्लॉक का निर्माण होना है। इनके निर्माण से मरीजों का बेहतर इलाज उपलब्ध होगा सुविधाएं मिल सकेगी। डॉक्टर व नर्सिगं स्टाफ की परेशानी भी दूर होगी। यहां लैब भी बनाई जानी है।स्मार्ट सिटी की टेंडर अप्रूल कमेटी ने फर्म पर दिखाई थी मेहरबानी
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Published on:
25 Jun 2020 08:07 am
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