
ajmer discom vigilance
अजमेर.जहां पूरे राज्य में ट्रांसफर पर रोक लग चुकी है वहीं दूसरी तरफ अजमेर डिस्कॉम में अचानक े पुरानी तारीख में ट्रांसफर की बम्पर लिस्टें जारी हो रही हैं। निगम में ट्रांसफर पॉलिसी में अंधेरगर्दी इस हद तक है कि जिस कर्मचारी का निधन 6 महीने पूर्व हो चुका है उनका भी ट्रांसफर वर्तमान में कर दिया है । जबकि उक्त कर्मचारी लखपत सिंह के पुत्र सागर सिंह को अधिशासी अभियंता बेगू में चपरासी के पद पर अनुकंपा नियुक्ति भी 10 सितम्बर को दी जा चुकी है। ट्रांसफर पोस्टिंग में विकलांग व विमंदित कर्मचारियों को भी दर बदर किया जा रहा है।
दोनों हाथ कटे हुए कर्मचारी का भी कर दिया ट्रांसफर
स्थानांतरण में कितनी अमानवीयता बरती जा रही इसका उदाहरण है फुलेरा निवासी तकनीकी कर्मचारी मुकेश कुमार। मुकेश के दोनो हाथ किशनगढ़ कार्य के दौरान बिजली के करंट लगने के कट चुके हैं । उसका स्थानांतरण भी सरवाड़ कर दिया गया है। जबकि किशनगढ़ खंड में कई कर्मचारी अपने रसूखात के कारण वषों से ही किशनगढ़ में डेरा जमाए हुए हैं।
मानसिक विकृत का भी कर दिया ट्रांसफर
निगम के मदार स्थित एईएन कार्यालय का तकनीकी कर्मचारी शिवराज सिंह गुर्जर लंबे समय से मानसिक रूप से विकृत सा है। इस कर्मचारी से वर्तमान में कार्यालय के चपरासी का काम कराया जा रहा है ,इनकी पारिवारिक स्थिति भी सही नहीं है इसके बावजूद इस कर्मचारी का स्थानांतरण मदार कार्यालय से लगभग 65 किलोमीटर दूर मसूदा किया गया है।
नहीं हो रही है ट्रांसफर पॉलिसी की पालना
ट्रांसफर पॉलिसी की अवमानना इस प्रकार से की जा रही है कि अभी तक निगम के मुख्य अभियंता, एसई ,लेखाअधिकारी सहित कई अन्य कर्मचारियों,अधिकारियों को अपने स्थानांतरण आदेश निरस्त कराने के लिए न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। न्यायालय द्वारा स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा गई। उदयपुर के संभागीय मुख्य अभियंता गिरीश पारीक,चित्तौड़ के एसई कमली राम मीणा, मसूदा के एईएन त्रिलोक सिंह चौहान,नागौर के एक्सईएन सरवन सिंह बिडियासर, चित्तौड़ की लेखाअधिकारी सहित कई कर्मचारियों और अधिकारियों ने स्थानांतरण के विरोध न्यायालय की शरण ली है जिससे निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल तो उठ ही रहा है। इससे निगम पर अनावश्यक वित्तीयभार भी पड़ रहा है।
Published on:
05 Oct 2021 10:12 pm
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