
अस्थमा का मुख्य इलाज इन्हेंलर्स से संभव
अजमेर. विश्वभर में दमा के करीब 34 करोड़ मरीज हैं। इसमें करीब 10 प्रतिशत रोगी भारत में है। अस्थमा व सीओपीडी से होने वाली मौतों में राजस्थान देश में नम्बर एक पर है। राजस्थान में हर तीन व्यक्तियों पर एक व्यक्ति अस्थमा व श्वास रोग से पीडि़त है। राजस्थान में प्रति एक लाख में करीब साढ़े चार हजार लोग अस्थमा से ग्रसित होते हैं।
विश्व में भारत सीओपीडी ग्रसित रोगियों में प्रथम स्थान पर है। अकेले भारत में सीओपीडी की वजह से मृत्यु दर 213 प्रति एक लाख है। अस्थमा का मुख्य इलाज इन्हेंलर्स से होता है। इन्हेंलर्स को लेकर आम रोगियों में कई तरह की भ्रांतियां हैं, मगर इन्हें दूर करने की आज जरूरत है।श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज गुप्ता के अनुसार इन्हेंलर्स श्वास रोगियों के लिए सबसे उत्तम इलाज साबित हो चुका है। लेकिन आज भी आम लोगों के बीच इन्हेंलर्स को लेकर गलत धारणाएं बन चुकी हैं जिनका निवारण आवश्यक है। इन्हेंलर्स से लत बनने की धारणा है। इस स्थानीय अनुपयोग की दवा है जो कि श्वास क्रिया से श्वास नली में जाकर उसे खोलती है तथा उसमें सूजन को कम करती है। साथ ही शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचने में नाकाम रहती है। इसका शरीर के अन्य अंगों पर दुष्प्रभाव नहीं है।
यह भ्रांतियां, मगर हकीकत अलग
बच्चों में विकास को धीमा करने की धारणा: इन्हेंलर्स के प्रति यह भी धारणा बन चुकी है कि बच्चों में विकास को यह रोकती है, जो गलतफहमी है। इन्हंलर्स से पहुंची इस दवा की मात्रा गोलियों के मुकाबले लगभग एक हजार गुना कम होती है। चिकित्सक की ओर से दी गई निर्धारित मात्रा में इन्हेंलर्स का उपयोग सुरक्षित तरह से श्वास रोगों का निवारण करता है जो बच्चे नियमित रूप से इन्हेंलर्स का उपयोग करते हैं वे सामान्य वजह व ऊचाई के पाते हैं।
स्टीरोयड नुकसानदायक: इन्हेंलर्स से दिए गए स्टीरोयड बहुत ही सूक्ष्म मात्रा के होते हैं तथा सभी उम्र के रोगियों में, यहां तक कि गर्भवती महिलाओं में भी सुरक्षित है। इन्हेंल्ड स्टीरोयड के उपयोग नहीं करने से अस्थमा रोग बढ़कर गंभीर रूप धारण कर सकता है। इन्हेंलर्स अंतिम नहीं प्रारंभिक उपचार प्रक्रिया है। ये सबसे प्रभावी, सुरक्षित एवं सुविधाजनक उपचार का तरीका है। ये अस्थमा के लक्षणों में तुरंत व दीर्घकालिक आराम देते हैं। इन्हेंलर्स के उपोग से दवा सीधे श्वास नली में प्रवेश करती है औ्र तुरंत आराम देती है।
दो प्रकार के होते हैं इन्हेंलर्स
डॉ. गुप्ता के अनुसार रिलीवर इन्हेंलर्स के उपयोग से दमा के लक्षण से चंद मिनटों में आराम मिल जाता है। ये रोगियों के पास हमेशा उपलब्ध रहना चाहिए। वहीं प्रीवेंटर इन्हेंलर के लगातार उपयोग से दमा रोग को बढऩे से तथा बार- बार रोग के दौरे से बचा जा सकता है।
Published on:
08 May 2019 11:46 pm
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