
ठेकेदार की लापरवाही पढ़ी भारी - अस्पताल में मचा कोहराम
अजमेर. धोलाभाटा क्षेत्र में शुक्रवार शाम एक निर्माणाधीन मकान की छत भरभराकर गिर गई। पहली मंजिल की छत के नीचे काम कर रहे चार श्रमिक दब गए। इन्हें एनडीआरएफ की टीम व स्थानीय लोगों की मदद से निकाला गया। एक श्रमिक की उपचार के दौरान मौत हो गई, जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया है। महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल, कलक्टर आरती डोगरा, पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।
धोलाभाटा तिलक नगर गली नम्बर तीन निवासी रेलकर्मी नरेन्द्र कुमार के मकान की पहली मंजिल का निर्माण कार्य चल रहा था। यहां छत के ऊपर चार श्रमिक काम कर रहे थे। अचानक भरभराकर छत गिर गई और मौके पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया। आस-पास के लोग राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए। इधर सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासनिक अमला घटनास्थल पर पहुंच गया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने मलबे में दबे घायलों को निकालने का कार्य किया।
मलबे में श्रमिक अशोक नगर भट्टा निवासी कांतिप्रसाद पुत्र प्रेमसिंह, भजनगंज निवासी ताराचंद पुत्र गुलाबचंद कोली, गौतमनगर निवासी गिरीश तंवर उर्फ सोनू पुत्र पिद्दू कोली व फरीदाबाग कॉलोनी निवासी गणेश पुत्र रेवंतसिंह को निकाला। कांतिप्रसाद व ताराचंद को जेएलएन अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने कांतिप्रसाद को मृत घोषित कर दिया, जबकि ताराचंद के गंभीर चोट आई। गिरीश और गणेश को मलबे से निकाल अस्पताल पहुंचाया गया। अलवर गेट थानाप्रभारी हरिपालसिंह ने मकान मालिक नरेन्द्र कुमार से पूछताछ की। हादसे की सूचना पर नगर निगम आयुक्त हिमांशु गुप्ता एवं पार्षद द्रौपदी कोली भी मौके पर पहुंचे।
अस्पताल में मचा कोहराम
इधर हादसे की इत्तला मिलने पर कांतिप्रसाद के परिजन अस्पताल पहुंच गए। उन्हें कांतिप्रसाद की मौत की सूचना मिलते ही कोहराम मच गया। परिजन को रिश्तेदारों ने संभाला। शव को मोर्चरी में रखवाया गया है। पुलिस शनिवार को पोस्टमार्टम करवाएगी।
मृतक के परिजन को 5 लाख की आर्थिक सहायता
हादसे में मृत श्रमिक कांतिप्रसाद के परिजन को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल ने सहायता राशि तुरन्त स्वीकृत करने के लिए श्रम विभाग को निर्देश दिए। जिला कलक्टर डोगरा ने भी घटना स्थल पहुंच हालात का जायजा लिया तथा जेएलएन अस्पताल में घायलों की कुशलक्षेम पूछी।
गीली छत पर लगा दिया ईंट-बजरी का ढेर
धोलाभाटा में निर्माणाधीन मकान की छत गिरने में ठेकेदार की लापरवाही उजागर हुई है। तीन दिन पहले आरसीसी की छत बनाने के लिए लगाई गई सेटरिंग खोली गई थी। तीसरे दिन ही छत पर काम करने के लिए ठेकेदार ने बजरी व ईंट का ढेर लगा दिया, जबकि छत पर पर्याप्त पिलर का सपोर्ट भी नहीं था। शुक्रवार को श्रमिक नवनिर्मित छत पर ही काम कर रहे थे। इसी दौरान शाम 4.30 बजे छत अचानक भरभराकर गिर गई। यह खुलासा अलवर गेट थाना पुलिस की प्रारंभिक पड़ताल में हुआ है।
पांच बेटी, बेटे की जिम्मेदारी
मृतक कांतिलाल पर पांच बेटियों और एक बेटे की जिम्मेदारी थी। हादसे की सूचना मिलने पर अस्पताल पहुंची पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। बूढ़े पिता प्रेमसिंह की आंखें पथरा गईं। उसने ही सबको ढांढस बंधाया, जबकि बड़े भाई ललित मोहन और छोटे भाई उमेश को अब भी घटना पर यकीन नहीं हो रहा था।
अस्पताल में भी अलर्ट
मकान गिरने, श्रमिकों के दबने की सूचना मिलते ही जेएलएन अस्पताल में अलर्ट कर दिया। कोतवाली थानाप्रभारी अनिल कुमार पांडे जाप्ते के साथ पहुंच गए। मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. आर. के. गोखरू ने अस्पताल पहुंच घायलों के उपचार की जानकारी ली। जिला कलक्टर आरती डोगरा व पुलिस उप अधीक्षक डॉ. दुर्गसिंह राजपुरोहित ने भी अस्पताल में घायलों की कुशलक्षेम पूछी।
इनका कहना है...
मकान मालिक नरेन्द्र कुमार से पड़ताल की जा रही है। प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि गिली छत पर ईंट-बजरी का ढेर लगा दिया गया था। इससे हादसाकारित हुआ। पुलिस मामले में गहनता से पड़ताल में जुटी है।
हरिपाल सिंह, थानाप्रभारी अलवर गेट
Published on:
07 Jul 2018 05:32 pm
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