स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में प्रस्ताव ही नहीं, कैसे सुधरे बदहाल यातायात स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किए जा रहे अजमेर शहर में स्मार्ट ट्रैफिक का कॉंसेप्ट फिलहाल कहीं नजर नहीं आ रहा। सुगम यातायात के लिए निर्मित एलिवेटेड रोड पर 275 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होने के बावजूद शहरवासियों को आए दिन दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है।
अजमेर. स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किए जा रहे अजमेर शहर में स्मार्ट ट्रैफिक का कॉंसेप्ट फिलहाल कहीं नजर नहीं आ रहा। सुगम यातायात के लिए निर्मित एलिवेटेड रोड पर 275 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होने के बावजूद शहरवासियों को आए दिन दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। निगम प्रशासन एलिवेटेड रोड के नीचे पार्किंग के लिए तो मशक्कत कर रहा है, लेकिन स्मार्ट सिटी में नो व्हीकल जोन बनाने के लिए कोई संजीदगी नहीं दिखा रहा। शहर में कहीं नहीं है नो-व्हीकल जोनस्मार्ट सिटी के तहत शहर में कहीं पर भी नो व्हीकल जोन का निर्धारण नहीं है। इससे वाहनों को यहां वहां कहीं भी पार्क करने से आवाजाही प्रभावित होती है। हर कहीं मुख्य मार्ग पर वाहन खड़े नजर आते हैं। शहर में वाहनों की सुव्यवस्थित पार्किंग व सुचारू आवागमन कहीं नजर नहीं आ रहा।
अस्पताल में भी बेतहाशा वाहन
जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय परिसर में आपातकालीन इकाई, हड्डी वार्ड, आउटडोर, नेत्र विभाग सहित चिकित्सालय परिसर के पिछवाडे़ तक वाहनों की भरमार रहती है। ऐसे में कई बार आपातकालीन इकाई के बाहर एंबुलेंस को भी बमुश्किल रास्ता मिल पाता है। यहां प्रतिदिन 500 से अधिक दुपहिया व बड़े वाहन हर समय खड़े रहते हैं।
पुरानी मंडी क्षेत्र में रोज विवाद
पुरानी मंडी, मदार गेट से सेंट्रल गर्ल्स स्कूल छोर के बीच सघन व्यावसायिक क्षेत्र हैं। यहां महिलाओं-छात्राओं की आवाजाही अधिक होती है। इस क्षेत्र में दुपहिया वाहन व लोडिंग टेंपो की निरंतर आवाजाही से कई मर्तबा महिलाएं व बच्चे चोटिल हो जाते हैं। जिससे रोजाना विवाद की स्थिति बनी रहती है।
इनका कहना है
चिकित्सालय का स्टाफ भी यहां अपने वाहन खड़े कर देता है। उनके लिए पृथक से वाहनों की पार्किंग का स्थल है लेकिन वहां कोई वाहन खडे नहीं करता। इस कारण प्रवेश द्वार पर वाहनों का जमघट दोपहर तीन बजे तक रहता है।
मुराद हुसैनसुरक्षा गार्ड, ज.ला.ने. चिकित्सालय अजमेर।
ग्राहकाें की आवाजाही के लिए जगह नहीं बच पाती। कोई पैदल नहीं आना चाहता। राहगीर दुपहिया वाहनों की चपेट में आ जाते हैं। रोजाना विवाद होते हैं। यहां वाहन अनुमत नहीं होने चाहिए। पुरानी मंडी से बाहर पार्किंग में लगाए जाने चाहिएं।
रामचंद्रदुकानदार, पुरानी मंडी
इनका कहना है
स्मार्ट सिटी व प्रशासन की बैठकों में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है। यदि ऐसा प्रस्ताव आएगा तो नो व्हीकल जोन पर अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
आशा कुमारी, अधिशाषी अभियंता स्मार्ट सिटी।