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इन युवाओं ने मेहनत के बल पर पाया मनचाहा मुकाम

locationअजमेरPublished: Jan 12, 2020 10:37:49 pm

ajmer news : धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी अजमेर के युवाओं ने अपनी प्रतिभा के बल पर न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी धाक जमाई है। उन्होंने अपने क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन कर न केवल अजमेर का नाम रोशन किया, बल्कि उनका संघर्ष हर युवा को सफलता के लिए प्रेरित भी करता है।

इन युवाओं ने मेहनत के बल पर पाया मनचाहा मुकाम

इन युवाओं ने मेहनत के बल पर पाया मनचाहा मुकाम

अजमेर. धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी अजमेर (ajmer) के युवाओं ने अपनी प्रतिभा के बल पर न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी धाक जमाई है। खेल, शिक्षा, चिकित्सा या अन्य किसी भी क्षेत्र की बात करें तो कहीं न कहीं अजमेर का युवा हमारा प्रतिनिधित्व करता मिल ही जाता है। उन्होंने अपने क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन कर न केवल अजमेर का नाम रोशन किया, बल्कि उनका संघर्ष हर युवा को सफलता के लिए प्रेरित भी करता है।
1. वंदना नोगिया : राज्य की सबसे कम उम्र की जिला प्रमुख

अजमेर की जिला प्रमुख वंदना नोगिया को राज्य में सबसे कम उम्र की जिला प्रमुख बनने का गौरव प्राप्त है। दलित परिवार में जन्मी वंदना मात्र 23 साल की उम्र में वर्ष 2015 में जिला प्रमुख बन गईं। वंदना एमएससी तक पढ़ाई कर चुकी हैं। हाल ही उन्होंने शादी की है। पूर्व में कोई राजनीतिक अनुभव नहीं होने के बावजूद उन्होंने तमाम विपरीत हालातों का डटकर मुकाबला किया और जिला प्रमुख का कार्यकाल पूरा करने जा रही हैं।

2. मोक्षराज आर्य : सात समंदर पार सिखा रहे योग, हिंदी और संस्कृत

सात समंदर पार अमरीका में कार्यरत सांस्कृतिक राजनयिक, भारतीय संस्कृति शिक्षक डॉ. मोक्षराज अजमेर के रहने वाले हैं। वे भारत सरकार की ओर से वाशिंगटन डीसी स्थित भारतीय राजदूतावास में नियुक्त भारतीय संस्कृति शिक्षक के पद पर कार्यरत प्रथम सांस्कृतिक राजनयिक हैं। मोक्षराज वहां योग, हिन्दी व संस्कृत का प्रचार कार्य कर रहे हैं। वे जॉर्ज वाशिंग्टन यूनिवर्सिटी एवं जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में हिन्दी की कक्षाएं भी लेते हैं।
3. देवेन्द्र कुमार यादव : जिले में सबसे कम उम्र के आईएएस
अजमेर जिले में तैनात सबसे कम उम्र के आईएएस अधिकारी। उम्र महज 27 साल। किशनगढ़ की कमान है इनके हाथ। प्रोबेशनकाल पूरा करने के बाद 4 महीने पहले ही किशनगढ़ में नियुक्ति हुई है। सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले देवेंद्र कुमार यादव के पिता रेलवे में हैं और माता गृहिणी। दिल्ली से आईआईटी करने के बाद आईपीएस में चयन हुआ। आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान ही दोबारा परीक्षा दी और आईएएस बन गए। इनका मानना है कि युवा बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर दें। सपने एक दिन जरूर पूरे होंगे।
4. डॉ. सारिका को आचार्य चाणक्य सम्मान

अजमेर में जन्मी व शिक्षित डॉ. सारिका शर्मा को शिक्षण क्षेत्र में दस वर्षों से लगातार 100 प्रतिशत परिणाम देने व भाषा-साहित्य शिक्षण में नव-तकनीकों के सफल प्रयोग और श्रेष्ठ योगदान के नई दिल्ली में सम्मानित किया गया। उन्हें शिक्षक न्याय मंच की ओर से आचार्य चाणक्य सम्मान 2020 से नवाजा गया। वहीं हिंदुस्तानी भाषा अकादमी व हिन्दी अकादमी की ओर से अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद और विश्व हिन्दी न्यास, न्यूयार्क के मानद निदेशक डॉ. नारायण कुमार और त्रिनिदाद में हिन्दी अधिकारी दीपक प्रसाद व मॉरीशस में हिन्दी विभाग की अध्यक्ष डॉ. नूतन पाण्डेय ने भाषा गौरव शिक्षक सम्मान 2020 से नवाजा।
5. अजय रावत : मिट्टी के कलाकार

पुष्कर के निकट गनाहेड़ा निवासी अजय रावत ने सेन्ड आर्टिस्ट के रूप में अपनी धाक जमाई है। अंतराष्ट्रीय पुष्कर मेला हो या फिर बीकानेर का केमल फेस्टिवल या कोई विशेष दिवस, हर मौकों पर धोरों में अजय की जादूगरी देखने को मिलती है। पिछले दिनों अंतराष्ट्रीय सैंड आर्ट फेस्टिवल में उन्होंने राजस्थान का प्रतिनिधित्व भी किया।
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