
सम्राट पृथ्वीराज चौहान का अजमेर सर्वपंथ समभाव के नाम से सहस्र बरसों से विख्यात है। यहां की हरियाली, खूबसूरत नजारों और आबोहवा ने परदेसियों को शुरू से आकर्षित किया। मुगलकाल से ब्रिटिशकाल और आजादी के बाद तक यह सिलसिला जारी है।
विशेष तौर पर मसीह धर्मावलंबियों को अजमेर सबसे पसंद आया। फ्रांस, इटली, ब्रिटेन और अन्य मुल्कों से आए चर्च एवं मिशनरी की कई सिस्टर्स, पुरोहित और अन्य लोग यहीं के होकर रह गए। उन्होंने अजमेर की शिक्षा, चिकित्सा, खेलकूद और आधारभूत विकास में अहम योगदान दिया है।
फादर ऑग्सिटीन और जोसफ एन्टॉनी परबतपुरा स्थित सेंट जोसफ चर्च में वर्ष 1905 में फ्रांस से आए फादर ऑग्सिटीन पहले पुरोहित बने। उस वक्त पूरे इलाके में दूसरी कोई इमारत नहीं थी। फादर ऑग्सिटीन ने आसपास के लोगों की शिक्षा, चिकित्सा के लिए काफी प्रयास किए। उनके बाद फादर जोसफ एन्टॉनी 1957 में पुरोहित बने।
उन्होंने भी शिक्षा और सामाजिक सरोकार को बढ़ावा दिया। दोनों की इच्छा पर उन्हें अजमेर में ही दफनाया गया।
डी. सी. जोसफ : ब्रिटिशकाल में आए डी. सी. जोसफ आजादी के बाद अजमेर के कलक्टर रहे। जोसफ अपने निवास से कलक्ट्रेट तक साइकिल या पैदल आना-जाना पसंद करते थे। वे सरकारी दौरे में ही कार का इस्तेमाल करते थे। अपनी सादगी, प्रशासनिक दक्षता के चलते वे लोगों में खासे लोकप्रिय हुए।
जेटीएम गिब्सन : अक्सर पाइप पीते और चित्र बनाते दिखने वाले जॉन ट्रेवर्समेन गिब्सन मेयो कॉलेज के प्राचार्य रहे। उनके कार्यकाल में मेयो का चहुंमुखी विकास हुआ। गिब्सन पर्यावरणविद भी थे। वे खडग़वासाल स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के संस्थापक प्राचार्य भी रहे थे। एनडीए में उनके पढ़ाए तीन विद्यार्थी आर्मी, नेवी और एयर फोर्स के प्रमुख रहे।
डॉ. लॉजर मैथ्यू : पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम के साथी रहे डॉ. लॉजर मैथ्यू भी अजमेर की शान हैं। उन्होंने डॉ. कलाम के साथ डीआरडीओ में कामकाज किया। साथ ही सस्ते और कई नायाब चिकित्सा उपकरण तैयार किए।
ब्रिटिश इंजीनियर फॉय : केंद्रीय लोक निर्माण के पहले एक्सईएन इंजीनियर फॉय को अजमेर के विकास के लिए पहचाना जाता है। उनके कार्यकाल में कई स्कूल, कॉलेज के भवन बने। फॉय के प्रयासों से जलापूर्ति और पर्यटन को बढ़ावा देेने के लिए फॉयसागर झील बनाई गई।
इनसे भी अजमेर को मिली पहचान
डॉ. वेल्स (मदार में टीबी सेनेटोरियम में लोगों का उपचार) सिस्टर मेरीओला क्रिस्टोफर केन (श्रम आयुक्त) फादर ऑइजेक पिन्टो (सेंट पॉल्स के मशहूर प्राचार्य) डॉ. पास्कल डिसूजा (मशहूर चर्म रोग विशेषज्ञ) एम.एम. हॉरिस (तीरंदाजी, राइफल शूटर चैंपियन)
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