
Eid Mubarak : दूध-जलेबी खाता है यह बकरा, पहले बग्गी में घुमेगा, फिर हो जाएगा कुर्बान
अजमेर. विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह (dargah) के खादिम सैयद अब्दुल गनी गुर्देजी वर्ष 1963 से घर में पाले हुए बकरे (goat) की ही कुर्बानी बकरीद पर देते आए हैं। हर बार की तरह इस बार भी उन्होंने राजस्थानी देशी मारवाड़ी नस्ल का बकरा पाल पोस कर बड़ा किया है। उन्होंने इस बकरे का नाम अराफात रखा है। इसे एक साल पहले मकराना से 35 हजार रुपए में खरीदा गया था। अराफात अब 3 साल का हो गया और 80 वजन किलो है। इसका राज यह है कि गुर्देजी इस बकरे को रोज सुबह 1 किलो दूध और 10 रुपए की जलेबी देते हैं। दोपहर 20 रुपए का चारा और शाम को एक किलो चने की दाल खिलाई जातर है। गुर्देजी ने बताया कि अराफात को रविवार दोपहर 3 बजे बग्गी में जोतकर दरगाह क्षेत्र में घुमाया जाएगा। बग्गी लेकर उनके पोते और नवासे उनके निवास स्थान ख्वाजा महल से निकलेंगे और दरगाह बाजार तक जाएंगे। उनका बकरा हर साल इसी तरह आकर्षण का केंद्र बनता है। गुर्देजी ने बताया कि अराफात की कुर्बानी सोमवार को सुबह 10 बजे उनके निवास स्थान ख्वाजा महल में पंजतन पाक के 5 नाम से की जाएगी।
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इस बकरे पर लिखा है मोहम्मद साहब का नाम
खादिम सैयद जव्वाद चिश्ती के घर पर भी एक खास बकरे की कुर्बानी दी जाएगी। जव्वाद ने बताया कि इस बार बकरामंडी में कई खूबसूरत जानवर आए लेकिन उनके नसीब में एक ऐसा बकरा आया जिसके जिस्म पर कुदरती मोहम्मद लिखा हुआ है।
Published on:
11 Aug 2019 03:20 am
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