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अजमेर जिले में मातमी धुन के साथ निकले ताजिए,देर रात कर्बला में सैराब

मोहर्रम : अजमेर में हाईदौस के दौरान चमकी तलवारें, 62 लोग जख्मी, मोहर्रम पर निकाली डोला शरीफ की सवारी, हैरतअंगेज करतब दिखाने की रही होड़

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Thousands gathered in the procession Moharram

मोहर्रम पर ताजिए के जुलूस में उमड़े मुस्लिम समाज के लोग।

अजमेर. अजमेर जिले में मोहर्रम पर ताजिए निकाले गए। ढोल-ताशों की धुन व इमाम हुसैन की याद में मातमी माहौल के बीच ताजिए देर रात कर्बला में सैराब किए। अजमेर में रह-रह कर आती तोप की आवाजे, ढोल-ताशों की गूंज और युवाओं के हाथों में लहराती चमचमाती तलवारें अलग ही माहौल बना रही थी।

अजमेर के अंदरकोट में मोहर्रम की १० तारीख मंगलवार को खेले गए हाईदौस में युवाओं का जोश देखते ही बन रहा था। हर कोई हाथ में नंगी तलवार लिए जख्मों की परवाह किए बगैर हजरत इमाम हुसैन के लश्कर में शामिल होता दिखा।

करीब तीन घंटे चले इस हाईदौस में ६२ युवक जख्मी हुए। उनका मौके पर ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उपचार किया। जबकि 2 को गंभीर रूप से जख्मीं होने पर जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के लिए रेफर किया गया।
जौहर की नमाज के बाद दोपहर करीब सवा दो बजे जैसे ही पहली तोप की आवाज आई द सोसायटी अंदरकोटियान के नौजवान, बड़े और बच्चों ने तलवारें लहराते हुए हाईदौस खेलना शुरू कर दिया। हाईदौस के साथ साथ डोले शरीफ की सवारी चल रही थी। तलवाबाजी करते हुए अंदरकोटियान समाज के लोग त्रिपोलिया गेट, कातन बावड़ी होते हुए अकबरी मस्जिद पहुंचे। यहां सलातो सलाम पेश किया गया। आमाबाव में डोले शरीफ को सैराब किया गया।

तारागढ़ पर रक्त रंजित मंजर पेश

अजमेर के तारागढ़ पर मंगलवार को गमगीन माहौल में शिया समुदाय के बच्चे, बड़े और युवाओं ने ब्लेड, जंजीर से खुद को लहूलुहान कर हजरत इमाम हुसैन व उनके साथ शहीद हुए ७२ साथियों को खिराजे अकीदत पेश की। इस दौरान रक्त रंजित मंजर देखने को मिला।

हुसैन के शैदाई आए नजर

दरगाह क्षेत्र में मंगलवार शाम हर तरफ हजरत इमाम हुसैन के शैदाई नजर आए। अंजुमन की ओर से बनाए गए मुख्य ताजिया शरीफ की सवारी रात १० बजे इमामबारगाह से मर्सियाख्वानी के साथ शुरू हुई। जुलूस डोलीवाला चौक, छतरीगेट, लंगरखाना होते हुए निजाम गेट पहुंचा। यहां से ढोल ताशों के साथ सोलहखम्बा, कमानीगेट होते हुए सुबह 4.30 बजे तक झालरा पहुंचा। वहां खामोशी के मंजर में ताजिया शरीफ को सैराब किया गया।

इससे पहले विभिन्न स्थानों पर छोटे-बड़े कई ताजिए सैराब किए गए। ताजियों का जुलूस मंगलवार दोपहर जोहर की नमाज के बाद ही शुरू हो गया था। इस दौरान लंगरखाना गली, पन्नीग्राम चौक, अंदरकोट, दरगाह बाजार, घोषी मोहल्ला आदि स्थानों पर ताजियों के जुलूस में गमगीन माहौल नजर आया।
अजमेर जिले के किशनगढ़ शहर में ताजियों का जुलूस प्रमुख मार्गों स निकला। इस दौरान अकीदतमंदों ने ताजियों पर सेहरे, मेहंदी, नारियल, मिश्री और छुआरे चढ़ाए। मुख्य चौराहे पर हाईदौस खेला गया। देर रात ताजियों को गांधी नगर कर्बला के कुएं में सैराब किया गया।

जुलूस में शामिल अकीदतमंद ढोल-ताशों पर मातमी धुने बजाते चल रहे थे। इस दौरान हाजी मोहम्मद हबीब कुरैशी और आजम कुरैशी के नेतृत्व में हाईदौस खेला गया। मदनगंज चौराहे पर अखाड़ों के पहलवानों ने आंख पर पट्टी बांधकर फल काटना सहित अन्य हैरत अंगेज करतब दिखाए।

ब्यावर शहर में सात ताजियों का रूहानी मिलन दोपहर बाद फतेहपुरिया चौपड़ पर हुआ। ताजियों के आगे ढोल-ताशों की मातमी धुन के बीच अखाड़े व लाइसेंसधारियों ने हैरतअंगेज करतब दिखाए। सात ताजियों के साथ पांच मन्नती ताजिए भी निकाले गए। सभी का संगम फतेहपुरिया चौपड़ पर हुआ। देर शाम मातमी धुन के बीच नून्द्री मेन्द्रातान स्थित कर्बला में ताजिए सैराब किए।

युवाओं ने ढोल-ताशों की मातमी धुन पर हैरतअंगेज प्रदर्शन किया। ताजियों का रूहानी मिलन लोगों ने अपने मोबाइल व कैमरे में कैद किया। ताजियों को देखने के लिए दुकानों व मकानों की छत पर भीड़ जमा हो गई।

इसी प्रकार जिले के केकड़ी, सरवाड़, भिनाय, सावर, मसूदा, रूपनगढ़, पीसांगन, नसीराबाद,अरांई व बिजयनगर में भी ताजिए परम्परागत रूप से निकाले गए।


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