
law college condition is critical
इन दिनों देश में पकौड़ों की सर्वाधिक चर्चा है। केंद्र और राज्य सरकार भी पकौड़े तलने और बेचने को बुरा नहीं समझती। सरकारें युवाओं का नौकरियों या कॅरिअर संवारने के बजाय पकौड़े तलने को ज्यादा अच्छा मानती है। तभी तो राज्य सरकार ने अजमेर सहित सभी लॉ कॉलेज को वेंटीलेटर पर पहुंचा दिया है।
निदेशालय के निर्देशानुसार लॉ कॉलेज ने महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय को 2018 से 2021 तक की सम्बद्धता के लिए पत्र भिजवाया है। साथ ही 7.40 लाख रुपए फीस ड्राफ्ट भी भेजा है। लॉ कॉलेज में प्रथम वर्ष के प्रवेश में देरी से विद्यार्थियों को नुकसान होता है।
महर्षि दयानंद सरस्वती सहित सभी विश्वविद्यालय एक वर्ष की सम्बद्धता देते हैं। उधर सरकार के रिपोर्ट भेजने में विलम्ब और अन्य कारणों से बार कौंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई)और कॉलेजों को दिक्कतें होती हैं। कौंसिल ने इसी वर्ष जनवरी में सभी विश्वविद्यालयों को पत्र भेजकर सभी कॉलेज को तीन साल की सम्बद्धता देेने को कहा। इसके बावजूद मामला अधरझूल में है।
भेजा पत्र और 7.40 लाख रुपए
बीसीआई के निर्देशानुसार कॉलेज शिक्षा निदेशालय सभी लॉ कॉलेज की तीन वर्षीय सम्बद्धता के लिए प्रयासरत है। निदेशालय ने अजमेर के लॉ कॉलेज को तीन साल की एकमुश्ता सम्बद्धता के लिए 7.40 लाख रुपए भेजे हैं।
कॉलेज ने फीस और सम्बद्धता का पत्र महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय को भिजवा दिया है। तीन साल की सम्बद्धतालॉ कॉलेज ने पत्र में बीसीआई और कॉलेज शिक्षा निदेशालय का हवाला दिया है। उसने विश्वविद्यालय से सत्र 2018-19, 2019-2020 और 2020-2021 की सम्बद्धता देने का आग्रह किया है। गैंद विश्वविद्यालय के पाले में है।
विश्वविद्यालय नहीं चाहता ऐसा...
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में अलग-अलग नियम हैं। स्वायत्तशासी संस्था होने सरकार का सीधा दखल नहीं होता। इसके चलते विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष फीस लेकर एक साल की सम्बद्धता जारी करते हैं। तीन साल की एकमुश्त सम्बद्धता देने के लिए उन्हें अपने नियमों में संशोधन करना होगा। इसके चलते मामला अटका हुआ है।
फैक्ट फाइल
राज्य में सरकारी लॉ कॉलेज : 15
स्थापना : 2005-06
स्थायी मान्यता: किसी कॉलेज को नहीं
विद्यार्थियों की संख्या-करीब 15 हजार
Published on:
07 Feb 2018 07:15 am
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