
वराह मंदिर बघेरा
रक्तिम तिवारी .
किशनगढ़ की गुंदोलाव झील और बघेरा के वराह मंदिर क्षेत्र में जल्द पर्यटन बढ़ेगा। पर्यटन विभाग ने दोनों क्षेत्रों में जन सुविधाओं के विस्तार के लिए तीन करोड़ रुपए के प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय भेजे हैं। वित्त विभाग की स्वीकृति मिलते ही कामकाज शुरू कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले में दो-दो पर्यटक स्थलों को चिह्नित कर जन सुविधाओं का विकास कराने को कहा है। इनके लिए सौ करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं। पर्यटन विभाग ने जिले में किशनगढ़ की गुंदोलाव झील और बघेरा के वराह मंदिर क्षेत्र का चयन किया है। दोनों क्षेत्र में 1.5-1.5 करोड़ से पर्यटकों और आमजन के लिए सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। इनमें पर्यटकों के लिए टाॅयलेट, रेस्ट रूम निर्माण, संगीतमय कन्सर्ट सहित अन्य गतिविधियां शामिल होंगी।
वराह मंदिर बघेरा
अजमेर से 100 किलोमीटर दूर बघेरा गांव है। इसे व्याघ्रपुर भी कहा जाता है। गांव में प्राचीन वराह मंदिर है। यहां जैन तीर्थंकरों के अलावा भगवान विष्णु, शिव, गणेश की प्राचीन प्रतिमाएं स्थापित हैं। गांव के यह मंदिर आध्यात्मिक महत्व के अलावा कला-संस्कृति के अनुपम उदाहरण हैं। कांग्रेस सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी 50 लाख रुपए स्वीकृत हुए थे।
गुंदोलाव झील
किशनगढ़ की गुंदोलाव झील अपनी सुंदरता के लिए विख्यात है। 2019 की बरसात में लबालब होने पर झील की चादर चली थी। इससे पाल क्षतिग्रस्त हो गई थी। पाल का फिर से निर्माण कराया गया है। पहले झील में नौकायन भी होता था। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इसे बंद कर दिया गया। यहां भी पर्यटकों की आवाजाही रहती है।
बढ़ेगा जिले में पर्यटन
-प्राचीन वराह मंदिर को देखने देश-विदेश से आएंगे पर्यटक।-बढ़ेगा स्थापत्य कला पर शोध।
-जन सुविधाएं होने से पर्यटक रुकेंगे बघेरा कस्बे में।-गूंदोलाव झील पर पर्यटन विकास को मिलेगा बढ़ावा।
-पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति को समझने का अवसर।-बन सकेगा रमणीय पर्यटक स्थल।
वराह मंदिर और गुंदोलाव झील को चिन्हित किया है। यहां तीन करोड़ रुपए से जन सुविधाओं का विस्तार किया जाना है। वित्त विभाग की स्वीकृति के बाद कार्य शुरू होंगे।संजय जौहरी, उप निदेशक पर्यटन विभाग
Published on:
09 Jun 2022 05:00 pm
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