इनमें से कई मचान पर बैठे रहे तो अधिकतर परवाज भरते दिखे। कई पक्षियों ने मछलियों का शिकार भी किया। कर्णप्रिय आवाज में पक्षियों का कलरव लोगों को काफी भाया। कई पक्षियों ने कभी उड़ान भरी तो कभी शिकार की तलाश में एकाग्रचित्त दिखे।
पर्यटक भी पहुंचे पुष्कर घूमने आया कनाड़ा का एक दम्पती भी पत्रिका वर्डफेयर का साक्षी बना। रविवार सुबह आनासागर झील किनारे वर्ड वॉचिंग में शामिल होकर दम्पती ने दूरबीन से पक्षियों को निहारा। कनाड़ा के विक्टोरिया शहर निवासी रीवेरजुड व पत्नी जॉनेरामिन ने करीब एक घंटे तक पक्षियों की गतिविधियां देखी।
उन्होंने पक्षियों के कई मनमोहक नजारे कैमरे में भी कैद किए। पत्रिका से बातचीत में कनाड़ा दम्पती ने इंटरनेशनल पत्रिका बर्ड फेयर की प्रशंसा की। इसी प्रकार जयपुर का एक परिवार भी बर्ड वॉचिंग में शामिल हुआ।
मदस विवि के विद्यार्थियों ने जाना इतिहास मदस विवि के पर्यावरण विभाग के छात्र-छात्राओं ने बर्ड वॉचिंग के दौरान पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को काफी समीप से देखा। आनासागर झील किनारे दलदल में बैठे, उड़ान भरते, कलरव व शिकार करते पक्षियों के नजारे काफी आकर्षक थे। विद्यार्थियों ने इन परिंदों के नजारे मोबाइल कैमरे में कैद किए। पक्षी विशेषज्ञ प्रो. डॉ. के. के. शर्मा ने विद्यार्थियों को पक्षियों के इतिहास, संस्कृति, वर्तमान हालात व अन्य की विस्तार से जानकारी दी।
इस मौके पर मदस के मनीष शर्मा, हीना कादरी, अतिका बाकलीवाल, सुनाली, निकिता, उज्जवल, आकांशा, अंकिता सेन, हेमलता, प्रेम कुमारी, स्वाति यादव, कंदालिया, उन्नति तिवारी, हरीश साहू, सुनितादास, रौनक चौधरी, दीवाकर यादव व शाहिन सहित कई विद्यार्थी शामिल रहे।