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Big Issue # सड़कें संकरी, रोज जाम, पार्किंग के नहीं माकूल इंतजाम

मुख्य बाजारों में अस्थाई अतिक्रमण यातायात व्यवस्था के लिए एक बड़ी समस्या

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Big Issue # सड़कें संकरी, रोज जाम, पार्किंग के नहीं माकूल इंतजाम

Big Issue # सड़कें संकरी, रोज जाम, पार्किंग के नहीं माकूल इंतजाम

तरुण कश्यप

अजमेर. इन दिनों शहर को स्मार्ट बनाने का काम जोरों पर है। एलिवेटेड ब्रिज अब आकार लेने लगा है। काम कब पूरा होगा फिलहाल यह कह पाना मुश्किल है। इस सब का असर यातायात पर नजर आ रहा है। पहले ही सड़कें संकरी है। सामान्य दिनों में ही रोज जाम लगता था। अब निर्माण कार्य के चलते हालात और खराब हैं। जाम का सबसे बड़ा कारण शहर में वाहनों की बेतरतीब पार्किंग है। जहां एलिवेटेड ब्रिज के स्पान रख दिए गए हैं, उस जगह बीच सड़क वाहन खड़े किए जा रहे हैं। वाहनों की पार्किंग के लिए कुछ जगह भी तय हैं लेकिन लोग दूरी होने के कारण वहां वाहन खड़े करने से कतराते हैं।
भौगौलिक संरचना के चलते भी शहर में यातायात सुगम हो पाना मुश्किल है। धार्मिक नगरी होने के कारण यहां बाहर से आने वालों के वाहनों का सदैव दबाव बना रहता है। शहर के मुख्य बाजारों में किए अस्थाई अतिक्रमण यातायात व्यवस्था के लिए एक बड़ी समस्या हैं। रही सही कसर रेहड़ी और फेरी वाले पूरी कर देते हैं।

अतिक्रमण से परेशान
मुख्य बाजार इतने तंग हैं कि शहर की सड़कों की चौड़ाई बढ़ाना संभव नहीं है। गनीमत है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट आने से शहर को एलिवेटेड ब्रिज की सौगात मिल गई। हालांकि ब्रिज का लाभ आमजन को मिलने में अभी समय और लगेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यातायात समस्या के निदान के लिए ब्रिज कोई स्थाई समाधान नहीं है। यातायात को सुगम बनाने के लिए विशेष कार्य योजना पर कार्य करने की जरूरत है।

शहर की भौगोलिक संरचना का असर शहर की बसावट पर भी है। सड़कें उतनी चौड़ी नहीं है जितनी एक विकसित शहर के लिए जरूरी होती है। एेसे में बाजारों की तंग गलियों से निकलना किसी चुनौती से कम नही है। रेहड़ी वालों के अतिक्रमण से हालात और भी ज्यादा खराब हो गए हैं। अस्थाई अतिक्रमण से सड़कें गलियां बन गई हैं।
जहां मिली जगह वहीं वाहन खड़े

बाजारों में पार्किंग की उचित व्यवस्था न होने के कारण दुकान के बाहर ही लोग अपने वाहन पार्क कर देते हैं। इससे मार्ग और संकरा हो जाता है और लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यातायात व्यवस्था बेहतर और सुगम होनी चाहिए। फौरी तौर पर यातायात पुलिस अस्थाई अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करती है लेकिन बाद में फिर हालात जस के तस हो जाते हैं। नगर निगम ने वेंडर और नॉन वेंडर जोन घोषित किए हुए हैं लेकिन उनकी पालना नहीं हो पा रही है। इस कारण नॉन वेंडर जोन में भी रेहड़ी वाले अतिक्रमण कर रहे हैं।
वैकल्पिक मार्गों पर भी जाम

यातायात का दबाव कम करने के लिए एलिवेटेड ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। मार्टिंडल ब्रिज से आगरा गेट और गांधी भवन से पुरानी आरपीएससी तक निर्माण कार्य जारी है। यह शहर के प्रमुख मार्ग हैं। एलिवेटेड ब्रिज निर्माण कार्य की वजह से कई बार ट्रैफिक को अन्य वैकल्पिक मार्गों पर डायवर्ट किया जाता है। इस कारण केसरगंज, पड़ाव, कवंडसपुरा, मदार गेट, चूड़ी बाजार, नया बाजार, आगरा गेट और फव्वारा सर्किल तक यातायात का दबाव बना रहता है। दिन में कई बार इन मार्गों पर जाम लग जाता है। केसरगंज पड़ाव, मदार गेट, पुरानी मंडी जैसे प्रमुख बाजारों में पार्किंग की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। यहां खरीदारी करने वालों को गाड़ी खड़ी करने के लिए जगह खोजनी पड़ती है। इस पर यह डर भी बना रहता है कि कहीं यातायात पुलिस उनकी गाड़ी नहीं उठा ले।
कार्रवाई भी बेअसर

यातायात पुलिस की ओर से समय समय पर यातायात को सुगम बनाने के लिए अभियान चलाया जाता है। अतिक्रमण हटाने के साथ बेतरतीब पार्किंग पर वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई भी की जाती है। लेकिन कार्रवाई के कुछ ही देर बाद अतिक्रमी फिर उसी जगह आ धमकते हैं।