
ugc not approve research chair
रक्तिम तिवारी/अजमेर।
पिछले दिनों दिए गए प्रजन्टेशन के आधार पर यूजीसी ने विभिन्न विश्वविद्यालयों की सूची जारी की है। इनमें अजमेर के महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय शामिल नहीं है। अलबत्ता विश्वविद्यालय प्रशासन चेयर के लिए फिर से प्रयास करेगा।
विश्वविद्यालय में ऋषि दयानंद चेयर सहित वैदिक पार्क बनाया जाना प्रस्तावित है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास, जल संसाधन और गंगा पुनुरुद्धार मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने बीते वर्ष ऋषि मेले के दौरान इसकी घोषणा की थी। इसके तहत 11 जनवरी को प्रबंध मंडल सदस्य प्रो. प्रवीण माथुर ने यूजीसी में महर्षि दयानंद सरस्वती चेयर और वैदिक पार्क की योजना की विस्तार से जानकारी दी।
चेयर को नहीं मिली मंजूरी
यूजीसी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय चेयर और महर्षि दयानंद सरस्वती चेयर के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाई थी। प्रो. इंदर मोहन कापहे की अध्यक्षता वाली कमेटी ने विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रस्तावों, प्रजन्टेशन का अध्ययन किया। इसके आधार पर यूजीसी ने सूची जारी की गई। महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक, सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी राजकोट और जम्मू-कश्मीर की सेंटल यूनिवर्सिटी को महर्षि दयानंद सरस्वती चेयर स्वीकृत की गई है।
इसमें अजमेर के महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय का नाम शामिल नहीं है। ऐसा तब है जबकि वेदों की ओर लौटने वाले ऋषि दयानंद का अजमेर से अहम नाता रहा है। अजमेर में शरीर त्यागने के अलावा उनका अंतिम संस्कार भी यहीं किया गया था।
यह रहा स्वीकृति का आधार
-भौतिक संसाधन
-अकादमिक संसाधन और स्त्रोत-चेयर में चलाए जाने वाली गतिविधियां
-यूनिवर्सिटी की शोध प्रक्रिया
-नैक/निर्फ संस्था की रैंकिंग
-यूनिवर्सिटी की सामाजिक
-भौगोलिक स्थिति
उम्मीद पर कायम विश्वविद्यालय...
विश्वविद्यालय को दयानंद सरस्वती चेयर की स्वीकृति की पूरी उम्मीद है। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन दोबारा प्रयास करेगा। यूजीसी, मानव संसाधन विकास मंत्रालय से संपर्क भी किया जाएगा। मालूम हो कि मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ. एस. पी. सिंह ने भी बीते अक्टूबर में इसकी जल्द स्वीकृति का आश्वासन दिया था।
Published on:
31 Jan 2018 06:51 am
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