पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि कांग्रेस सरकार के शिक्षा मंत्री गोविन्दसिंह डोटासरा की ओर से अटल बिहारी वाजपेयी व पं. दीनदयाल उपाध्याय जैसे महापुरुषों के खिलाफ अनर्गल टिप्पणी करना उनकी बुद्धि का दिवालियापन का संकेत हैं। जिस व्यक्ति को भारत रत्न की उपाधि दी गई हो, देश को परमाणु शक्ति संपन्न करने व तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने यूएनएम में प्रतिनिधित्व के रूप में भेजा हो, उनके लिए बयान देना कि अटलजी का देश में क्या योगदान है? इससे कांग्रेस की ओछी मानसिकता स्पष्ट झलकती है।
देवनानी ने सोमवार पत्रकारों से बातचीत में कहा कि डोटासरा ने कहा कि पाठ्यक्रम का भगवाकरण किया जा रहा है जो सरासर गलत है। हमने पाठ्यक्रम में वीर सावरकर, सुभाषचन्द्र बोस, डॉ. भीमराव अम्बेडकर, महाराजा सूरजमल, हेमू कालानी को जोड़ा है। डोटासरा यह बता दें कि इन महापुरुषों में कौन है जो देश के प्रति समर्पित नहीं रहा है, किसे पाठ्यक्रम से हटा रहे हैं। पं. दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्मवाद एवं आर्थिक चिंतन दिया है, गांधी एवं लोहिया के समकक्ष रहे हैं। कांग्रेस एक ही परिवार की भक्ति पर आधारित रही है इसलिए देश के अन्य नेता एवं महापुरुषों अच्छे नहीं लगते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने साइकिलों का रंग भगवा रख कर शिक्षा का भगवाकरण कर दिया तो डोटासरा बताएं कि क्या हरा रंग रखते? भगवा रंग त्याग, बलिदान एवं हमारी संस्कृति का संवाहक रहा है।