अजमेर. ख्वाजा साहब की दरगाह स्थित जन्नती दरवाजा उर्स के मौके पर गुरुवार तडक़े जियारत के लिए खोल दिया गया। रजब का चांद देखने के लिए गुरुवार शाम हिलाल कमेटी की बैठक होगी। इस दौरान चांद नजर आया तो बड़े पीर की पहाड़ी से तोप दाग कर और दरगाह में शादियाने बजा कर चांद की घोषणा की जाएगी। चांद दिखने पर गुरुवार रात को दरगाह स्थित महफिलखाने में उर्स की पहली महफिल होगी। चांद नहीं दिखा तो जन्नती दरवाजा रात में बंद कर दिया जाएगा जिसे दूसरे दिन शुक्रवार तडक़े फिर से खोला जाएगा। जन्नती दरवाजा उर्स में 6 दिन के लिए खोला जाता है।
यह है मान्यता
जन्नती दरवाजा साल में चार बार विशेष मौकों पर खोला जाता है। ईद व ख्वाजा उस्मान हारूनी के उर्स के मौके पर यह दरवाजा एक-एक दिन के लिए खोला जाता है। कहा जाता है कि जो लोग किन्हीं कारणों से हज पर नहीं जा पाते वे जन्नती दरवाजे से प्रवेश कर ख्वाजा साहब के मजार पर मत्था टेकते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि जो सात बार इस दरवाजे से गुजर कर जियारत करता है, वह जन्नत का हकदार होता है।
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