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वाह रे सरकार-लोगों को दिखा दिए ऐसे खूबसूरत नजारे, नहीं बन पा रहे सपनों के महल

ओवरहैड टैंक व ओएंडएम चार्जेज तथा बीसलपुर चार्ज जोड़ते हुए अधिक राशि की मांग की जा रही है।

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अजमेर

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dilip sharma

Jan 26, 2018

water supply in ada colonies

water supply in ada colonies

दिलीप शर्मा/अजमेर।

लम्बे अर्से से अटकी पड़ी अजमेर विकास प्राधिकरण की लम्बे समय से प्यासी चल रही पृथ्वीराज नगर योजना, डीडी पुरम, महाराणा प्रताप नगर तथा ब्यावर रोड अफोर्डेबल योजना में पानी पहुंचाने का मामला अब सुलझता नजर आ रहा है। जलदाय विभाग इसके लिए सिद्धांत: सहमत हो गया है। जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव से चर्चा व निर्देश के बाद यह तय किया गया है कि बीसलपुर सिस्टम की कॉस्ट, सुपरविजन चार्जेज तथा संचालन एवं संधारण की अवधि सक्षम स्तर पर निर्णय प्राप्त किए जाने की कार्यवाही प्रगतिरत है। प्राधिकरण की यह आवासीय कॉलोनियां विकसित हो चुकी हैं।

यहां के निवासी बार-बार पेयजल उपलब्ध करवाने करवाने की मांग कर रहे है। इसलिए नीतिगत निर्णय होने तक यदि प्राधिकरण योजना की पूंजीगत लागत जलदाय विभाग को जमा करवाने पर सहमत है तो एडीए की आवासीय कॉलोनियों में पेयजल व्यवस्था की कार्यवाही प्रारंभ की जा सकती है। जलदाय विभाग ने एडीए से सहमति पत्र मांगा है। अब तक जलदाय विभाग द्वारा एडीए की विभिन्न योजनाओं में पानी की पाइप लाइन डालने के लिए आंतरिक पाइप लाइन के खर्च के अलावा ओवरहैड टैंक व ओएंडएम चार्जेज तथा बीसलपुर चार्ज जोड़ते हुए अधिक राशि की मांग की जा रही है।

हेड़ा ने सरकार के समक्ष उठाया मामला
प्राधिकरण अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा ने एडीए की कॉलोनियों में पेयजल की व्यवस्था के लिए पिछले साल सरकार के समक्ष यह मामला उठाया था। हेड़ा ने एडीए से पीएचईडी द्वारा बीसलपुर सिस्टम की शेयर कॉस्ट को इन्फ्रास्ट्रक्चर लागत से हटाते हुए यह राशि एडीए से नहीं लेने, सुपरविजन चार्ज 17.5 प्रतिशत के स्थान पर 3 प्रतिशत लिए जाने एवं संचालन एवं संधारण की राशि एडीए से तीन वर्ष का ही लिए जाने के नीतिगत निर्णय केलिए प्रकरण जलदाय विभाग के यूओ नोट विभाग के उच्चाधिकरयों को प्रस्तुत किया गया।

11 साल बाद भी नहीं पहुंचा पानी
वर्ष 2007 में लॉन्च हुई पृथ्वीराज नगर योजना में 10 साल बाद भी अब तक पानी की पाइप लाइन नहीं पहुच सकी। वहीं 2012 में लॉन्च की गई डीडी पुरम योजना पांच साल बाद भी प्यासी है। ब्यावर रोड पर अफोर्डेबल योजना के तहत मकान बन कर तैयार हैं लेकिन एडीए व जलदाय विभाग अपने-अपने नियमों पर अड़े हुए हैं इससे अब तय यहां पानी नहीं पहुंच सका। इससे एडीए लोगों को इन आवासों के कब्जे भी नहीं दे पा रहा है। वर्षो पुरानी महाराणा प्रताप योजना का भी यही हाल है। पंचशील नगर ई-ब्लॉक योजना भी तीन साल बाद भी पानी नहीं पहुंच सका।