अजमेर. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री का अभिमान है कि वे नागरिकता संशोधन अधिनियम राज्य में लागू नहीं करने की बात कह रहे हैं। कोई भी मुख्यमंत्री हो वह नैतिक जिम्मेदारी से बंधा है। उन्हें देश का नेता बनने की जल्दी है। सोनिया, राहुल गांधी से आगे कुर्सी पर निगाहें टिकाए हुए हैं। आरएसएस, भाजपा व मोदी का विरोध करके वे अपने नेताओं को खुश कर रहे हैं। लेकिन संविधान से बड़ा कोई नहीं है। जो कानून लोकसभा, राज्यसभा में पास हो गया, है अब किसी की हिम्मत नहीं कि उसे वापस ले ले।
यहां आजाद पार्क में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के चित्तौड़ प्रांत के अधिवेशन के दौरान मंगलवार पत्रकारों से बातचीत में पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2003 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं गृहमंत्री पी. चिदम्बरम को पत्र लिखकर पाक विस्थापितों को बसाने की मांग की थी। अब मुख्यमंत्री इससे पलट रहे हैं। पूनिया ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी पाकिस्तानी हिन्दू पुनर्वास विस्थापितों के लिए काम करने की बात कही गई है। अब मुख्यमंत्री गहलोत मुकर रहे हैं। दलित, भील लोगों के हितों पर कुठाराघात करने का काम कर रहे हैं।
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युवा करें चुनौतियों का सामना करने का संकल्प
पूनिया ने कहा कि सारी दुनिया को पता लग गया है कि सबसे बड़ा छात्र संगठन अभाविप है, जो राष्ट्रवाद की विचारधारा के साथ काम कर रहा है। जो काम सरकारें नहीं कर सकती वो छात्र एवं युवा कर सकते हैं। अभाविप के समक्ष कई चुनौतियां हैं जिनमें जातिवाद, विषमता, भ्रष्टाचार के साथ महिलाओं की सुरक्षा एवं सम्मान है। उन्होंने कहा कि थानागाजी में दुष्कर्म की घटना जैसी सामाजिक विकृति के खिलाफ लडऩे की जरूरत है। अधिवेशन में छात्राएं भी बड़ी संख्या में हैं जो इन चुनौतियों का सामना करने का संकल्प ले रही हैं।
कोटा में 91 बच्चों की मौतों पर कांग्रेस मौन क्यों
पूनिया ने कहा कि कोटा अस्पताल में अब तक 91 बच्चों की मौतें हो चुकी हैं, 48 घंटे में एक साथ 10 बच्चों की मौतें हुई। कोटा में पूर्व चिकित्सा मंत्री व उन्होंने अवलोकन किया तो सामने आया कि 1972 काअस्पताल सुविधाओं को तरस गया। संक्रमण का खतरा बना हुआ है। कई माताओं की कोखें उजड़ गई, मगर कांग्रेस ने जबाव नहीं दिया। चिकित्सा मंत्री तो वहां पहुंचे ही नहीं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का बर्ताव वहां खराब था। यह दृश्य राजस्थान को शर्मसार करने वाला रहा। पूनिया ने कहा कि भाजपा सरकार के समय अस्पताल को 300 बैड के करने का प्रस्ताव भेजा गया था, उसे सरकार आगे बढ़ाए। इस संबंध में राज्यपाल से भी बात की है। पूनिया बोले अच्छा यही होगा कि मुख्यमंत्री दिल्ली से बयान जारी करने के बजाय अस्पताल की दशा सुधारें।