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वो 19 साल पहले छोड़ चुकी थी दुनिया, अचानक हो गई फिर से जिंदा

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women alive again

women alive again

अजमेर. उन्नीस साल पहले जिस महिला ने दुनिया को अलविदा कह दिया। उसे जिन्दा बताकर रजिस्ट्री कराने का मामला सामने आया है। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पेश परिवाद पर आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर अनुसंधान के आदेश दिए हैं।

परिवादी रवि कुमार ने बताया कि कुछ समय पहले उसे कुछ पुराने दस्तावेज मिले जो 1988 के 5 रुपए के स्टाम्प पर अग्रिम किराया रसीद की एक कॉपी थी। दस्तावेज मिलने पर उसने आरटीआई में सूचना मंगवाई तो पता चला कि दरगाह बाजार हीरा मेडिकल के पास स्थित सम्पत्ति को 31 अगस्त 2016 को मीना पत्नी आनन्द भोजवानी ने फर्जी दस्तावेज पेश कर अपने नाम करा ली है, जबकि उसकी माताजी शांतिदेवी का निधन 21 दिसम्बर 1999 को हो गया था। उन्हें जिंदा बताकर डीड राइटर से मिलीभगत कर झूठे दस्तावेज से सम्पत्ति का पंजीयन अपने नाम करा लिया।

27 साल पुराना मुख्तयारनामा पेश
रवि कुमार ने बताया कि आरोपितों ने झूठे दस्तावेजो में उसको जैन बना दिया। इसमें 27 वर्ष पूर्व का मुख्तयारनामा पेश किया जो प्रथमदृष्ट्या उनकी माताजी शांतिदेवी की मृत्यु होने पर निरस्त हो गया था। इसके साथ मीना भोजवानी ने शपथ पत्र पेश किया, जिसमें उनकी माताजी को जिंदा बताकर पंजीयन उनकी जानकारी में होना बताया। रवि ने आरोप लगाया कि डीड राइटर ने बिना सत्यता जांचे पंजीयन कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मीना भोजवानी, दो पुत्र, पुत्रवधू पूजा, मेठी उर्फ हरीश भोजवानी व डीड राइटर ने एकराय होकर षडयंत्रपूर्वक धोखाधड़ी से 31 अगस्त 2016 को पंजीयन कार्यालय में पेश होकर सम्पत्ति का पंजीयन करा लिया।

इस बार चाइल्ड फ्रेंडली होगा पुष्कर मेला, बच्चे नहीं करते दिखेंगे ये शर्मनाक काम

अन्तरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त पुष्कर मेला देशी विदेशी पर्यटकों के साथ ही इस बार बच्चों के लिए भी बेहद खास होगा। कोलकता की तर्ज पर राजस्थान में यह पहला मेला होगा हो चाइल्ड फ्रेंडली होगा। राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग बच्चों के लिए खास व्यवस्था की कवायद कर रहा है। कार्तिक पूर्णिमा को आयोजित होने वाले पुष्कर मेले को बाल मैत्री मेला बनाने के उद्दश्य से राज्य बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी व आयोग सदस्य उमा रत्नू, जयश्री गर्ग, साधना सिंह, सीमा जोशी ,एस.पी सिंह, श्रवण कुमार व राधेश्याम डेलू ने सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ मीटिंग कर बच्चों इस मेले को किस तरह चाइल्ड फ्रेंडली बनाने को लेकर चर्चा की।

विभागों से लिया जाएगा सहयोग
चतुर्वेदी ने बताया कि इस मेले को बाल मैत्री बनाने के लिए आयोग सभी विभागों से सहयोग लेगा जिसमें खास सहयोग चिकित्सा विभाग का रहेगा। साथ ही बच्चों से सम्बन्धित सरकारी योजनाओं व बाल कानूनों जैसे शिक्षा का अधिकार इत्यादि की जानकारी हिन्दी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में जानकारी व चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित कर बच्चों को जागरूक किया जाएगा। मेले में प्रोजेक्टर पर चित्रों व लेखन के माध्ययम से प्रदर्शित कर बच्चों को जागरूक किया जाएगा।