8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ये हैं हॉस्पिटल के हाल…गलत इंजेक्शन से किडनी पर हुआ असर, डायलिसिस की आई नौबत

www.patrika.com/rajasthan-news

2 min read
Google source verification
wrong injection

wrong injection

अजमेर.

जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में गलत तरीके से लगाए गए इंजेक्शन से जान को खतरा उत्पन्न होने एवं सीपीआर के बाद स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार तो हुआ मगर इसका असर मरीज की किडनी पर इस कदर पड़ा कि डायलिसिस करवानी पड़ी। मरीज को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाकर नेफ्रोलॉजिस्ट की देखरेख में डायलिसिस किया गया। उधर, जिला कलक्टर की ओर से अस्पताल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई है।

पीडि़ता अस्पताल की स्पेशल वार्ड की इंचार्ज चन्द्रावती के पति (मेल नर्स ग्रेड प्रथम) ने बताया कि जेएलएन अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद पत्नी की तबियत अचानक बिगड़ गई। इसके बाद से मित्तल अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. रणवीर सिंह को दिखाया जहां उन्होंने जांचें लिखी। जांचों में ब्लड यूरिया 240 एवं सीरम क्रिटेनिनि 13.20 तक आ गया। इसके चलते डायलिसिस की आवश्यकता बताई। चिकित्सक की सलाह पर पीडि़ता को डायलिसिस किया गया।

हालत में मामूली सुधार

नेफ्रॉलॉजिस्ट के अनुसार जो इंजेक्शन लगाया गया था उसका असर किडनी पर पड़ा और हालत गंभीर हो गई। डायलिसिस के बाद मरीज की हालत में मामूली सुधार बताया जा रहा है। पीडि़ता के पति ने बताया कि इस तरह की गंभीर लापरवाही से उसकी पत्नी की स्थिति खराब हो गई है, इसके जिम्मेदार रेजीडेंट चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ पर कार्रवाई होनी चाहिए।

यह था मामला
विगत 5 जनवरी की शाम चन्द्रावती को कैज्युल्टी में दिखाया और उसे ईएमयू में भर्ती कर लिया। तबियत ज्यादा खराब होने पर रात्रि 8.30 बजे रेजीडेंट चिकित्सक ने बीबी कंट्रोल के लिए एक इंजेक्शन बाजार (मेडिकल स्टोर) से मंगवाया। जेएलएन में ही प्रथम श्रेणी मेल नर्स के पद पर कार्यरत पति ने इंजेक्शन लाकर नर्सिंग स्टाफ को दिया, जिसको फिमेल नर्स स्टाफ ने सीधा कैनुला में जोर से पुश कर दिया।

बिगड़ गई थी हालत
इंजेक्शन लगते ही मरीज की हालत गंभीर हो गई, मरीज बी.पी एवं पल्सलेस हो गई और मरीज एक दम कोलेप्स हो गई और मरीज का सीपीआर हो गया। वेंटीलेटर खराब होने पर बाहर से एम्बुलेंस व ऑक्सीजन सिलैण्डर लाकर पति ने आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट करवाया। जहां पर मरीज को गंभीर हालत में वेंटीलेटर पर लिया। जहां सुबह (तडक़े) करीब 3 बजे होश आया और बी.पी.और पल्स भी आया। ईएमयू वार्ड में बीपी 190/100 था फिर भी इंजेक्शन लगा दिया।