
अलीगढ़ में यति नरसिंहानंद सरस्वती गिरी ने मदरसों और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर बड़ा विवादित दिया है। जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। यति नरसिंहानंद ने कहा है कि मदरसे के सभी विद्यार्थियों को ऐसे शिविरों में भेज देना चाहिए, जहां इनके दिमाग में से कुरान नाम का वायरस निकाला जा सके। वह इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि एएमयू इस्लाम और भारत विभाजन का गढ़ है। इसलिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को बम से उड़ा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद नहीं मंदिर है और लखीमपुर खीरी में कोई घटना नहीं हुई, बल्कि वह जिहाद है। बता दें कि यति नरसिंहानंद ने ये बयान हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पांडे के यहां भागवत कथा के समापन पर पहुंचने के दौरान दिया है।
इस दौरान यति नरसिंहानंद ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा एक मजाक है। राहुल गांधी जिहादियों के साथी हैं। वह उत्तर प्रदेश में जीत नहीं सके और केरल में जाकर वायनाड से चुनाव लड़ा। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ने के लिए उनके पास एक ऐतिहासिक मौका था, लेकिन राहुल गांधी समेत गांधी परिवार ने देश को बर्बाद कर दिया। अब वह भारत जोड़ना चाहते हैं। अगर वह भारत जोड़ना चाहते हैं तो पहले पाकिस्तान और बांग्लादेश में जाएं, जिसे महात्मा गांधी ने बनवाया था। पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश को भारत से जोड़ दें। उसके बाद हम भी उनके साथ जुड़ जाएंगे।
'मदरसों की तरह एएमयू को भी रौंद देना चाहिए'
यूपी मदरसा सर्वे को लेकर यति नरसिंहानंद ने कहा कि मदरसे जैसी संस्था होनी ही नहीं चाहिए। जितने भी मदरसे हैं, उन्हें बारूद से उड़ा देना चाहिए। जैसे चीन करता है। मदरसे के सारे विद्यार्थी को ऐसे शिविरों में भेज देना चाहिए। जहां से उनके दिमाग से कुरान नाम का वायरस निकाला जा सके। वहीं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में महिला अध्यक्ष चुने जाने के बाद अमुटा का चुनाव निरस्त किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस्लाम को सारी दुनिया जानती है और अलीगढ़ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी इस्लाम का सबसे बड़ा गढ़ है। यहीं एएमयू से भारत के विभाजन की नींव रखी गई थी। जो हाल मदरसों का है, एएमयू का हाल भी इसी तरह है। इसको भी मदरसों की तरह ही रौंद देना चाहिए।
केस दर्ज होने पर बोले- साधुओं को सरकार की मदद की जरूरत नहीं
विवादित बयान पर मुकदमा दर्ज होने के बाद उन्होंने कहा कि हम सच बोलते हैं। इसलिए मुकदमे दर्ज होते हैं। उन्होंने कहा कि साधुओं को सरकार की मदद की जरूरत नहीं है। हम जैसे बाहर हैं, वैसे ही जेल में भी हैं।
Published on:
19 Sept 2022 12:31 pm
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