
एक टूर्नामेंट में रिंकू सिंह को शानदार खेलने के लिए इनाम के तौर पर बाइक मिली। रिंकू ने उस बाइक को अपने पिता को गिफ्ट कर दिया। रिंकू के पिता को भी लगा कि अलीगढ़ के व्यापारियों के बड़े-बड़े घरों में गैस सिलिंडर पहुंचाने वाले कई साल के काम में वो अभी तक बाइक नहीं खरीद सके थे।
"कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारों।" यह लाइन यूपी के अलीगढ़ के रहने वाले क्रिकेटर रिंकू सिंह पर बिल्कुल सटीक बैठती है।
रिंकू सिंह IPL यानी इंडियन प्रीमियर लीग में कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाड़ी है। कल संडे का था। संडे की शाम को क्रिकेट लवर्स के लिए फन डे बनाने में रिंकू सिंह ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा।
आइए पहले उस मामले को समझ लेते हैं जिसने कल शाम से ही इंटरनेट पर भौकाल बनाया हुआ है…
संडे इवनिंग को IPL गुजरात टाइटंस और कोलकलता नाइट राइडर्स के बीच था। पहले बल्लेबाजी करते हुए गुजरात टाइटंस ने 20 ओवरों में 205 रन बनाए। कोलकाता की टीम को पहाड़ जैसा 205 रन का लक्ष्य मिला। कोलकाता की टीम लड़खड़ाते हुए लक्ष्य का पीछा कर रही थी।
पारी का अंतिम 20 वां ओवर, जिसे सपने में भी नहीं याद करना चाहेगी गुजरात की टीम
केकेआर को आखिरी ओवर में जीत के लिए 29 रन चाहिए था। टीम के सभी धुरंधर बल्लेबाज पैवेलियन को लौट चुके थे। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में मौजूद लगभग सभी दर्शक केकेआर की हार को पक्की मान रहे थे। गुजरात के कैप्टन राशिद खान के चेहरे पर जीत के पक्की होने की मुश्कान दिख रही थी। लेकिन, मैच में रोमांच बाकी था। पिक्चर अभी बाकी था। रिंकू सिंह का बल्ला गरजने वाला था।
हार को जीत में बदलने वाले को बाजीगर नहीं, रिंकू सिंह कहते हैं
राशिद खान ने मैच का लास्ट ओवर डालने के लिए यश दयाल को गेंद सौंपी। रिंकू सिंह ने पांच गेंदों पर लगातार पांच छक्के लगाकर गुजरात टाइटंस के मुंह से मैच छीन लिया और केकेआर को तीन विकेट से जीत दिला दी।
रिंकू आए, रिंकू गरजे और रिंकू छा गए…
आइए अब अलीगढ़ के उस लौंडे की कहानी को जानते हैं जिसने केकेआर की जीत का ताला खोल दिया।
रिंकू सिंह अलीगढ के रहने वाले हैं। उनकी उम्र 24 साल है। कोलकाता नाइटराइडर्स की वेबसाइट पर मौजूद उनके एक वीडियो के मुताबिक, "पिता बिल्कुल नहीं चाहते थे कि मैं खेल में समय बर्बाद करूं। तो बहुत पिटाई भी हो जाती थी। वे डंडा लेकर इंतजार करते थे कि कब आता है घर। लेकिन भाइयों ने साथ दिया और हर मौके पर क्रिकेट खेलता था। बॉल खरीदने तक के पैसे नहीं होते थे। लेकिन इस दौरान कुछ लोगों ने मदद भी की।" रिंकू सिंह के पिता अलीगढ़ में एक गैस वैंडर थे। रिंकू सिंह 5 भाई हैं। रिंकू को स्कूली के दिनों से ही क्रिकेट खेलने में मजा आने लगा था।
एक टूर्नामेंट में रिंकू सिंह को शानदार खेलने के लिए इनाम के तौर पर बाइक मिली। रिंकू ने उस बाइक को अपने पिता को गिफ्ट कर दिया। रिंकू के पिता को भी लगा कि अलीगढ़ के व्यापारियों के बड़े-बड़े घरों में गैस सिलिंडर पहुंचाने वाले कई साल के काम में वो अभी तक बाइक नहीं खरीद सके थे। उसी बाइक को बेटे ने क्रिकेट में इनाम पाकर ला दिया।
क्रिकेट के भविष्य को जब पोछा लगाने की नौकरी मिली
काम की तलाश करते-करते रिंकू सिंह को एक कोचिंग सेंटर में पोछा लगाने की नौकरी मिली। रिंकू ने बताया है, "मुझे पोछा लगाने की जॉब मिली। एक कोचिंग सेंटर में मुझे पोछा लगाना था। उन्होंने कहा था कि सुबह-सुबह आकर हमारा काम कर जाया करो। भाई ने ही दिलाई थी। लेकिन मैं नहीं कर पाया। नौकरी छोड़ दी। अच्छा नहीं लगा था। पढ़ाई भी मेरे साथ नहीं थी। मुझे तभी लगा कि क्रिकेट पर ही फोकस करना चाहिए। मुझे लगा कि क्रिकेट ही मुझे आगे ले जा सकता है, मेरे पास कोई दूसरा विकल्प ही नहीं था।"
अंडर-16 ट्रायल में भाग लेने के नियम रिंकू को नहीं पता थे, मोहम्मद जीशान बने मददगार
पोछा वाली नौकरी छोड़ने के बाद रिंकू सिंह ने क्रिकेट को ही फूल टाइम देना शुरू किया। उन्हें तो यह नियम भी नहीं पता था कि अंडर-16 ट्रायल में कैसे अप्लाई करना होता है। जैसे-तैसे उन्होंने 2 बार ट्रायल दिया और दोनों ही बार सेलेक्ट नहीं हो पाए। अलीगढ के ही रहने वाले मोहम्मद जीशान रिंकू सिंह के मददगार बन कर सामने आए।
रिंकू सिंह के शुरुआती दिनों से ही अलीगढ़ में मसूद अमीन की कोचिंग मिली है। वह आज भी उनके कोच बने हुए हैं जबकि मोहम्मद जीशान से मिली मदद पर रिंकू सिंह कहते हैं कि उनकी मदद और गाइडेंस का अहम योगदान रहा है।
किस्मत का ताला खुला, 2018 के IPL में KKR ने 80 लाख में रिंकू को खरीदा
शाहरुख खान की मालिकाना हक वाली कोलकाता नाइटराइडर्स ने 2018 में रिंकू सिंह को 80 लाख रुपए में खरीदा, उस समय भी रिंकू को बहुत लोग नहीं जानते थे। लेकिन, यूपी की ओर से घरेलू क्रिकेट में वो बढ़िया खेल रहे थे।
रिंकू सिंह के बताते हैं, "अलीगढ़ से निकल आईपीएल पहुंचने वाला मैं पहला खिलाड़ी बना। इतने पैसे मिले थे कि घर परिवार में कभी किसी ने देखे नहीं थे। घर की सारी दिक्कतें दूर हो गईं। जमीन लेकर घर बनवाया, कर्जे थे वो भी चुका दिए।"
असली चमत्कार का होना बाकि था। IPL में रिंकू को शानदार खेल दिखाना था। लेकिन, इसके इंतजार में एक-एक सीजन निकलते जा रहे थे। जो मौके मिले उसमें भी रिंकू कुछ बड़ा नहीं कर पा रहे थे।
टाइगर जिंदा है
अपने चौंकाने वाले प्रदर्शन से उन्होंने यह बता दिया है कि टाइगर जिंदा है। लंबे समय तक बने रहने के लिए रिंकू को लगातार बढ़िया खेल का प्रदर्शन करते रहना होगा। इसी तरह टीम इंडिया में खेलने का सपना भी वो पूरा कर सकते हैं।
रिंकू सिंह यूपी के लिए साल 2016 से खेल रहे हैं। अभी तक उन्होंने 5 शतक और 16 हाफ सेंचुरी की मदद से 2307 राण बनाए हैं।
Updated on:
10 Apr 2023 09:52 am
Published on:
10 Apr 2023 09:39 am
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