
फोटो सोर्स-मेटा एआई
UP Teachers to count dogs, उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक अब आवारा कुत्तों की गिनती करेंगे। इस संबंध में शासन ने आदेश जारी किया है। उच्चतम न्यायालय में दाखिल याचिका का अनुपालन कर रही है। जिसमें उन्होंने बताया था कि आवारा कुत्तों की पहचान, रोकथाम और नियंत्रण के लिए अलग-अलग विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। बेसिक शिक्षा विभाग भी इसमें शामिल है। इसी क्रम में बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश पत्र जारी करके कहा है कि अपने-अपने विकासखंड क्षेत्र में ऐसे स्थानों को चिन्हित करें जहां आवारा कुत्तों का आतंक है। नगर निकाय एवं पशु कल्याण विभाग से समन्वय स्थापित कर इसकी सूचना शासन को भेजी जाए। शासनादेश को लेकर शिक्षकों में नाराजगी है।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शासन से पत्र आया है। जिसके अनुसार सभी खंड शिक्षा अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, अर्धशासकीय, मान्यता प्राप्त विद्यालयों, नगर निगम सीमा में आने वाले ऐसे संस्थानों को चिन्हित करें जहां आवारा कुत्तों का आतंक है। बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. राजेश कुमार सिंह ने शासनादेश के अनुसार सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि शिक्षक उन संस्थानों को चिन्हित कर पशु कल्याण विभाग और नगर निकाय के संबंधित अधिकारियों से समन्वय स्थापित करें जहां से यह रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाए। मुख्यालय से यह रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
पत्र के सामने आते ही शिक्षकों में रोष व्याप्त है। शिक्षक संगठनों ने इस शासनादेश का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि अभी पुनरीक्षण कार्य (एसआईआर) चल रहा है। इसी बीच यह शासनादेश हैरान करने वाला आया है। आवारा कुत्तों को चिन्ह्यांकन करने के लिए बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होगी क्योंकि उन्हें स्कूल छोड़कर जाना पड़ेगा।
Updated on:
19 Dec 2025 09:10 am
Published on:
19 Dec 2025 09:09 am
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