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अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी में सिखाई जा रही संस्कृत, यकीन न हो तो पढ़ लें ये खबर

10 दिवसीय सरल संस्कृत सम्भाषण शिविर का शुभारंभ हुआ।

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Simple Sanskrit

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अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में संस्कृत सिखाई जा रही है। विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के तत्वाधान में 10 दिवसीय सरल संस्कृत सम्भाषण शिविर का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर मुख्यअतिथि के रूप में अमुवि के कला संकाय के अध्यक्ष प्रो. मोहम्मद जाहिद उपस्थित रहे।

ये बोले मुख्य अतिथि
मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में बताया कि 1857 में सर सैयद अहमद खाॅन ने एक मदरसा खोला था जो आगे चलकर ऐंग्लो ओरियन्टल काॅलेज बन गया। 1920 में यह केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित हुआ। 1857 से ही यहाॅ पर फारसी, अरबी एवं उर्दू भाषा के साथ ही संस्कृत भाषा भी पढ़ाई जाती थी। 1920 से अमुवि में संस्कृत विभाग भी है।

संस्कृत हमारी प्रिय
विशिष्ट तिथि के रूप में डाॅ. लक्ष्मीकान्त पाण्डेय, बेसिक शिक्षा अधिकारी अलीगढ़ ने संस्कृत भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्कृत हमारी प्रिय है। उन्होंने कहा कि इसके उत्थान का प्रयास करना हमारा परम कर्तव्य है। संस्कृत को बोलचाल की भाषा बनाने हेतु यह 10 दिवसीय सरल संस्कृत सम्भाषण शिविर प्रतिभागियों के लिए अत्यन्त उपयोगी साबित होगा।

किया गया स्वागत
कार्यक्रम के संयोजक संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. खालिद बिन यूसुफ खाॅन ने पधारे सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा कहा कि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा संस्कृत को जनभाषा बनाने हेतु किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। संस्कृत प्रेमी होने के कारण उन्होंने ही विभाग में इस कार्यक्रम की योजना बनाई एवं उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्था के सपने को साकार करने में अपना भरपूर सहयोग दे रहे हैं।

ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में संस्कृत विभाग एवं अन्य विभागों के छात्र भी उपस्थित रहे, जिनमें मुख्य रूप से वसीम रजा खाॅन, कु. सुदीप, सपना यादव, कविता, पुंडीर, पूजा, शगुफ्ता, खुशबू भारती, चारू, विजेता, कृष्णगोपाल, रवेन्द्र पवन, काजल, श्वेता, साकिब, आकिब आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर संस्कृत भारती के कार्यकर्ता सुशील शर्मा, प्रीति सक्सैना, पूजा, चन्द्रप्रभा, कंचनलता, प्रेम कुमारी, भावना, राजकुमार, प्रदीप आदि मौजूद रहे।