
Ajit Singh
अलीगढ़। मेरठ के रोहटा थाने में तैनात पुलिसकर्मी अजित सिंह को छुट्टी नहीं मिलने पर पिता छिंदी सिंह का दर्द भी छलक गया। छिंदी सिंह अलीगढ़ में खैर कस्बे में रहते हैं।किसान पिता ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा, कि चार महीने में केवल एक दिन घर आने को मिला, वो भी 24 घंटे के भीतर ड्यूटी करने पहुंच गया। आपको बता दें कि अजित सिंह ने बीते दिसंबर के अंतिम सप्ताह में छुट्टी न मिलने से आहत होकर एसएसपी आॅफिस में अपना इस्तीफा दे दिया था, साथ ही कहा था कि यूपी में इंस्पेक्टर बनने से अच्छा है दिल्ली में कॉन्स्टेबल बन जाना।
दिल्ली में होती थी आठ घंटे की नौकरी
अजित के पिता ने बताया कि वे मेरठ में पुत्र अजित से मिलने गये तो वहां भी बेटे अजित सिंह से मिल नहीं पाये, क्योंकि वो ड्यूटी पर थे। अजित सिंह ने दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल की नौकरी छोड़ कर यूपी पुलिस में दरोगा की नौकरी ज्वाइन की है। दिल्ली पुलिस में साढ़े छह साल नौकरी की। वहां आठ घंटे ही नौकरी करनी पड़ती थी।
यूपी पुलिस ने माता पिता से किया दूर
किसान पिता छिंदी सिंह का कहना है नौकरी अब भी वही पुलिस की है, तनख्वाह भी वही है, लेकिन छुट्टी नहीं है। यूपी पुलिस के सिस्टम ने दरोगा को अपने माता पिता से दूर कर दिया है। पिता का कहना है कि आठ दिन में एक छुट्टी का प्रावधान है, लेकिन वो भी नहीं मिलती। अजित सिंह की तबियत खराब होने पर भी डॉक्टर से दवा लेने की छुट्टी नहीं दी गई। मेडिकल लगाने के बावजूद भी कोई सहूलियत नहीं दी गई।
भाई है एसडीएम
अजित के भाई देवेन्द्र सिंह मैनपुरी में एसडीएम हैं। पिता छिंदी सिंह ने बताया कि वो भी रात में एक बजे तक काम करता है, फिर भी उसे जिलाधिकारी से एक दिन की छुट्टी मिल जाती है।
24 घंटे की ड्यूटी से आहत होकर दिया इस्तीफा
24 घंटे ड्यूटी के चलते अजित सिंह परेशान थे। छुट्टी नहीं मिलने पर दो सप्ताह पहले नौकरी से इस्तीफा देने का प्रार्थना पत्र दे दिया था और यूपी पुलिस के सिस्टम पर सवाल उठा दिया था। अलीगढ़ के खैर कस्बे में जब दरोगा अजित सिंह के घर पहुंच परिजनों से बात की गई तो यूपी पुलिस की कार्यशैली को लेकर उनके परिजनों का दर्द छलक गया।
Published on:
19 Jan 2018 03:13 pm
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