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उत्तर प्रदेश की रोडवेज बसों में फर्जी टिकट का धंधा, करोड़ों का घोटाला

10 साल से सादाबाद, हाथरस, मथुरा मार्ग पर सक्रिय था गिरोह, रोडवेज संघ के दो पदाधिकारी भी शामिल

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अलीगढ़। उत्तर प्रदेश में एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जो उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) को हर साल करोड़ों रुपये का चूना लगा रहा है। फर्जी टिकटों के माध्यम से यह गिरोह सरकार की आँखों में धूल झोंक रहा था। रोडवेज के कर्मचारियों और कुछ अधिकारियों भी इस गिरोह के साथ हैं। गिरोह की बात जो नहीं मानता था, उसे बाउंसर के माध्यम से धमकाया जाता है। 11 अभियुक्त गिरफ्तार किए हैं। इनमें दो रोडवेज संघ के पदाधिकारी भी शामिल हैं। छानबीन जारी है।

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प्रबंध निदेशक को मिली थी जानकारी

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को किसी ने इस गिरोह के बारे में जानकार दी थी। उन्होंने स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के महानिरीक्षक अमिताभ सिंह से सहयोग मांगा। उन्होंने लखनऊ एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह को पूरे मामले का खुलासा करने का जिम्मा सौंपा। फिर आगरा और मेरठ की एसटीएफ यूनिट को पीछे लगाया गया।

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ऐसे पकड़े गए अभियुक्त

पुलिस अधीक ग्रामीण मणिलाल पाटीदार ने बताया कि मंगलवार की दोपहर में एसटीएफ को सूचना मिली। इगलास (अलीगढ़) -राया (मथुरा) मार्ग पर बसों की छानबीन हुई। मथुरा डिपो की बस संख्या यूपी 85 एए 9036 और यूपी 85 एएच 9600 में एसटीएफ टीम के चार-चार सदस्य यात्री बनकर बैठ गए। इसी दौरान उन्हें फर्जी टिकट दिया गया। एसटीएफ टीम ने टोका तो परिचालक लड़ने पर उतारू हो गया। इस पर एसटीएप टीम ने अपना परिचय दिया। यह देख परिचालक ने अपने साथियों को फोन कर दिया और इगलास कस्बे के चौराहे पर बुला लिया। जैसे ही बस चौराहे पर पहुंची, परिचालक के साथी आ गए। उन्होंने फर्जी टिकट का विरोध करने वालों का विरोध शुरू कर दिया। यह देख एसटीएफ टीम ने फायरिंग कर दी। दूसरी ओर से एक फायर किया गया। दूसरी बस वहां से जाने लगी। टीम ने बस पर फायर कर इसे रुकवाया और चालक व अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

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हाथरस, मथुरा, सादाबाद रूट पर देते थे फर्जी टिकट

गैंग का मास्टर माइंड देवेंद्र सिंह निवासी पिलखुनी राया, मथुरा उत्तर प्रदेश परिवहन निगम कर्मचारी एकता संघ का उपाध्यक्ष है। मेघ सिंह करील मुरसान हाथरस उत्तर प्रदेश परिवहन निगम कर्मचारी एकता संघ का अध्यक्ष है। दोनों ही पिछले 10 साल से हाथरस, मथुरा, सादाबाद रूट पर 40-50 बसों में यात्रियों को फर्जी टिकट देते थे। जिससे करोड़ों की राजस्व हानि हो रही थी। मौके से अशोक निवासी नगला नेचला व सोनू निवासी इगलास फरार हो गए। सभी के खिलाफ इगलास कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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इन्हें किया गया गिरफ्तार

ज्ञानेंद्र सिंह निवासी अतुर्रा गौंडा, रवि तोमर निवासी नगला जमुनी बल्देव मथुरा, मेघ सिंह निवासी करील मुरसान हाथरस, ओमवीर निवासी असाबर इगलास, खेम सिंह निवासी दातुन नगरिया इगलास, अरविंद निवासी गढ़ा खेड़ा गौंडा, रविंद्र सिंह हकीमपुर हाईवे मथुरा, शिवराम, कुशलपाल निवासी रामपुर बकटरा इगलास, बांके बिहारी निवासी मावली जमुनापार मथुरा, देवेंद्र निवासी पिलखुनी राया मथुरा, को गिरफ्तार किया है। इनके पास से एक वैगनआर कार, रोडवेज की दो बसें, तमंचा, नौ मोबाइल, 23,750 रुपये, आधार कार्ड, पासबुक, एटीएम कार्ड आदि बरामद किए गए हैं।

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